जेटली के खिलाफ पीआईएल दाखिल करने वाले वकील पर 50 हजार रुपये का जुर्माना
नई दिल्ली, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले वकील एम.एल. शर्मा पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वकील ने अरुण जेटली पर बड़े कार्पोरेट घरानों के कर्ज माफ करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के पूंजीगत रिजर्व से लूटपाट करने का आरोप लगाया था।
जनहित याचिका में जेटली का नाम लेने के लिए वकील को फटकार लगाते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, “आपने अपनी जनहित याचिका में वित्तमंत्री को प्रतिवादी बनाया और इसके बाद कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एनपीए को पूरा करने के लिए आरबीआई के रिजर्व को लूट लेंगे।”
याचिका को खारिज करते हुए, पीठ ने कहा, “हमें याचिका को सुनने की कोई वजह नजर नहीं आती।”
पीठ ने इसके साथ ही शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को यह निर्देश दिया कि जबतक शर्मा 50 हजार रुपये जमा नहीं करते, उन्हें कोई भी जनहित याचिका दाखिल करने नहीं दिया जाए।
अपनी बहस को जारी रखते हुए शर्मा ने अदालत से जुर्माने से राहत देने का आग्रह किया और कहा कि जो मुद्दे वह उठा रहे थे, उसमें कुछ भी निजी नहीं है।
शर्मा की ओर से जनहित याचिका में वित्तमंत्री का नाम शामिल करने पर बार-बार माफी मांगने के बाद भी, अदालत अपने निर्णय पर अडिग रही।