राम मंदिर पर न्यायपालिका को अपना काम करने दें : आप
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)| राम मंदिर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए ‘वोट बैंक की राजनीति’ बताते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को न्यायपालिका का आदर करना चाहिए और अयोध्या विवाद पर न्यायपालिका को उसका कार्य करने देना चाहिए। आप सांसद संजय सिंह ने आईएएनएस से कहा कि सभी पार्टियों को विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय जो भी फैसला देता है, उसका स्वागत करना चाहिए।
संजय सिंह ने कहा, “चाहे जो भी फैसला हो इसका कांग्रेज, भाजपा, आप, सुन्नी वक्फ बोर्ड व रामलला पार्टी द्वारा भी स्वागत किया जाना चाहिए। आप फैसले का सम्मान करेगी और दूसरों को भी ऐसा करना चाहिए।”
साल 1992 में इसी दिन एक हिंदुत्ववादियों की भीड़ ने अयोध्या में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया था और इस जगह पर एक अस्थायी मंदिर बना दिया था। भाजपा इस स्थल पर भव्य मंदिर बनाने का वादा हर चुनाव में करती आई है। हालांकि धर्मनिरपेक्ष देश की सरकार का काम मंदिर या मंदिर बनवाना नहीं है।
यह मामला अब सर्वोच्च न्यायालय में है। सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर सुनवाई के मामले को अपनी प्राथमिकता में नहीं होने की बात कहते हुए जनवरी, 2019 के लिए टाल दिया है।
संजय सिंह ने भाजपा पर राममंदिर को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगााया।
उन्होंने कहा, “भाजपा के लिए राम मंदिर वोट बैंक की राजनीति है। उन्हें भगवान राम की कोई परवाह नहीं है। बीते 25 सालों से वह मंदिर निर्माण की बात कह रहे हैं, लेकिन तारीख की घोषणा नहीं कर रहे हैं कि वह कब मंदिर बनाएंगे।”
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा सर्वोच्च न्यायालय के हर फैसले को नहीं मानती, बल्कि अपने नफा-नुकासान का हिसाब लगाकर चुनिंदा फैसलों का ही अनुसरण करती है।
उन्होंने कहा, “तीन तलाक पर अदालत के आदेश का पालन कर वे महिलाओं के अधिकारों की परवाह करने का दावा करते हैं, लेकिन सबरीमाला पर आए फैसले को स्वीकार नहीं कर रही।..आप को अदालत के आदेश का पूरी तरह से व सम्मान के साथ पालन करना है।”