जी20 देशों से जीवाश्म ईंधन पर सब्सिडी खत्म करने की अपील
नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)| वैश्विव स्तर पर कुल 742 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने वाले वैश्विक निवेशक और बीमाकर्ताओं ने बुधवार को जी20 देशों से साल 2020 तक जीवाश्म ईंधन पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने की गुजारिश की और चेतावनी दी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र को लगातार जारी समर्थन से वित्तीय क्षेत्र को गंभीर जोखिम पैदा हो सकता है। अवीवा और सारासिन एंड पार्टनर्स समेत नौ निवेशकों के समूह ने पिछले हफ्ते अर्जेटीना में हुई बैठक में जी20 देशों को संबोधित एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए, जिसमें साल 2020 तक जीवाश्म ईंधन पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म के लिए एक ठोस टाइमलाइन निर्धारित करने की मांग की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्यूनस आयर्स में होने वाली 13वीं जी20 बैठक में शामिल होंगे, जहां वे विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के साथ भी बैठक होगी।
आईएएनएस को दिए बयान में निवेशकों ने चेताया कि जीवाश्म ईंधन को लगातार जारी सरकारी समर्थन से ऊर्जा क्षेत्र में जोखिमग्रस्त परिसंपत्तियों (कर्ज फंसने का खतरा) का खतरा बढ़ जाएगा और प्रमुख उद्योगों में प्रतिस्पर्धा में भी कमी आ सकती है, जिसमें कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले कारोबार भी शामिल होंगे।
अवीवा इन्वेस्टर्स के मुख्य निवेश अधिकारी स्टीव वेगुड ने कहा, “सरकारों द्वारा जीवाश्म ईंधन के उत्पादक को दी जानेवाली कर छूट समेत विभिन्न सब्सिडी को समाप्त नहीं की जाती है, तो पेरिस समझौता असफल हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “कॉर्पोरेट्स से पूछा जाता है कि वे अपनी बैलेंस शीट में संभावित जलवायु पर प्रभाव के जोखिम का खुलासा करें, तो हम एक निवेशक के रूप में सरकार से पूछते हैं कि वे देश के बैलेंश शीट पर जीवाश्म ईंधन को दी जा रही सब्सिडी के प्रभाव का खुलासा करें।”