बिहार विधान परिषद में 5 सदस्यों के निलंबन के विरोध में राबड़ी, तेजस्वी धरने पर
पटना, 28 नवंबर (आईएएनएस)| बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार की शाम यहां अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई। विधान परिषद में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पांच सदस्यों को दो दिनों के लिए निलंबित किए जाने के विरोध में सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद भी विपक्षी सदस्य विधान परिषद में डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी विधान परिषद के अंदर तो तेजस्वी यादव विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दे रहे हैं।
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अन्य विपक्षी सदस्यों के साथ विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए हैं। धरने पर बैठे राजद नेता सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “विपक्ष जन सरोकार के मुद्दे को सदन में उठाना चाहता है, परंतु सदन में विपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। आखिर विपक्ष कहां जाए? क्या करे?”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हो रही कई तरह की अनियमितताओं से जुड़े सवालों का जवाब भी राज्य सरकार नहीं देना चाहती। यही कारण है कि सरकार सदन में विपक्ष को सवाल नहीं पूछने दे रही है।
इससे पूर्व विधान परिषद की कार्यवाही बुधवार को हंगामे के पहले दोपहर 12 बजे और फिर गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद ही विपक्षी सदस्य सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे।
विधान परिषद में हुए हंगामे के दौरान सभापति हारून रशीद ने विपक्ष के पांच सदस्यों राधाचरण सेठ, सुबोध राय, दिलीप राय, कमर आलम, खुर्शीद मोहसिन को दो दिन के लिए निलंबित कर दिया।
निलंबन के विरोध में राबड़ी देवी वेल में पहुंचकर धरने पर बैठ गई। उनके साथ कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा, रामचंद्र पूर्वे, सुबोध कुमार, दिलीप राय, कमर आलम और खुर्शीद मोहसिन भी राबड़ी देवी के साथ धरने पर बैठ गए। इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव राजद के अन्य सदस्यों के साथ विधानसभा मुख्यद्वार पर धरने पर बैठ गए।