लिम्फोमा कैंसर को मात देने का संदेश
नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)| लिम्फोमा कैंसर से जूझ रहे लोगों में जागरूकता के लिए दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें 350 लिम्फोमा कैंसर सरवाईवर्स एक मंच पर जुटे।
सेमिनार में सिक्किम, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के कैंसर सरवाईवर्स ने हिस्सा लिया। इस सेनिमार में संदेश दिया गया कि कैंसर से हारना नहीं है बल्कि जीतकर दिखाना है। सेमिनार में नेपाल, जयपुर और दिल्ली के अस्पतालों के डॉक्टरों ने शिरकत की। मरीजों ने डॉक्टरों से इस बीमारी से बचाव के बारे में बहुत से सवाल पूछे। डाक्टरों ने उन्हें हर तरह की जानकारी दी।
लिम्फोमा सपोर्ट ग्रुप इंडिया 2012 में रोगियों के सहयोग और उन्हीं के प्रयास से शुरू हुआ था। इस समूह का नेतृत्व उस समय से ही शमीम खान कर रही हैं और वो आज भी सक्रिय हैं।
डॉक्टरों के समूह में राजीव गांधी कैंसर संस्थान के हेमेटोलॉजी व बोन मेरो ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ. दिनेश भूरानी और हेमेटोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रियाज अहमद शामिल हैं। राजीव गांधी कैंसर संस्थान के अन्य डॉक्टर भी इस मुहिम में जुड़े हुए हैं। ये डॉक्टर मरीजों को आवश्यक चिकित्सा प्रदान करते हैं और समूह को अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए परामर्श देते हैं। ये समूह लिम्फोमा के बारे में जागरूकता पैदा करने की दिशा में काम करता है।
यह समूह परिवार के सदस्यों और देखभाल करने वालों सहित लिम्फोमा से प्रभावित अन्य लोगों के साथ बात करने का एक मंच प्रदान करता है, पारस्परिक समर्थन देता है और उन अनुभवों को साझा करने वाले अन्य लोगों के साथ उनकी चिंताओं पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है। ये समूह कैंसर रोगियों को सकारात्मक सोच पैदा करने में मदद करता है और गुणवत्ता, किफायती और समन्वित देखभाल सुनिश्चित करने की कोशिश करता है।
इस समूह की बैठक हर दो साल में होती है। 2012 में अपनी स्थापना के बाद 50 रोगियों के साथ शुरू होने वाली संस्था में 2016 में 220 लोगों की वृद्धि हुई और इस साल अनुमानित संख्या 350 है।