दिवालिया कानून से 3 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज के मामले सुलझे : श्रीनिवास
नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)| दो साल पुराने दिवाला और दिवालिया संहिता (आईबीसी) ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 3 लाख करोड़ रुपये की तनावग्रस्त परिसंपत्तियों (फंसे हुए कर्जो) के मामलों को सुलझाने में मदद की है। कॉर्पोरेट मामलों के सचिव इनजेटी श्रीनिवास ने शनिवार को यह बातें कही।
उन्होंने उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “फंसे हुए कर्ज के करीब 3 लाख करोड़ रुपये के मामले आईबीसी के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सुलझे हैं।”
श्रीनिवास ने कहा कि दिवाला कानून ने पिछले दो सालों में 9,000 से अधिक मामलों में 50 फीसदी (4,400) का निपटारा किया है, जिसमें बोर्ड ऑफ इंडस्ट्रियल एंड फाइनेंसियल रिकंस्ट्रकशन (बीआईएफआर) से स्थानांतरित मामले शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कर्जदाता द्वारा आईबीसी में मामला लाने के बाद जो मामले सुलझाए गए हैं, उनमें से 85 फीसदी मामले कर्जदाता और कर्जदार दोनों के संयुक्त अनुरोध पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में जाने से पहले ही सुलझा लिए गए हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि 3,500 मामलों में कुल 1.2 लाख करोड़ रुपये के दावे सुलझाए गए।”