सरकार बना रही एकीकृत लॉजिस्टिक योजना और पोर्टल : प्रभु
नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि माल की तेज आवाजाही और उद्योगों की लेनदेन लागत कम करने के लिए सरकार एकीकृत लॉजिस्टिक योजना बना रही है। इस योजना में रेल, सड़क, जहाज और हवाई परिवहन सबको शामिल किया जा सकता है। चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड ट्रांसपोर्ट (सीआईएलटी) इंडिया द्वारा एक्जीबिशंस इंडिया ग्रुप (ईआईजी) के सहयोग से राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित रेल म्यूजियम में आयोजित दो दिवसीय सीआईएलटी इंडिया एक्सपो-2018 को संबोधित करते हुए सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार एक एकीकृत लॉजिस्टिक योजना और एक पोर्टल बनाने पर भी काम कर रही है, ताकि देश में लॉजिस्टिक को अधिक क्षमता एवं लागत प्रभावी बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि व्यापार और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए उसे लॉजिस्टिक से जोड़ा गया है। इसकी क्षमता में सुधार से आर्थिक विकास को तेज करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान आया है। इससे भारतीय लॉजिस्टिक कंपनियों के पास आगे बढ़ने के व्यापक अवसर हैं।
मंत्री ने कहा कि देश में लॉजिस्टिक की लागत हमारे सकल घरेलू उत्पाद का करीब 14 प्रतिशत बैठती है, जबकि विकसित देशों में यह लागत मात्र सात से आठ प्रतिशत है। इसलिए हमारे यहां एकीकृत योजना बनाया जाना अहम है। देश का लॉजिस्टिक उद्योग अभी करीब 215 अरब डॉलर का है, जो 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से वृद्धि कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में आसान व्यापार को सुनिश्चित करने के लिए नेशनल लॉजिस्टिक पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत जीडीपी की 14 फीसदी उच्च लॉजिस्टिक लागत को 2022 तक के लिए 10 फीसदी कर दी गई है।
कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि रेल मंत्रालय कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसमें प्रतिबद्ध माल आवाजाही गलियारा शामिल है, जो समय और लागत को कम करने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि 2016-17 में किए गए 5,300 किलोमीटर की तुलना में रेलवे इस वित्त वर्ष में 9,000 किलोमीटर और 2019-20 में 12,000 किलोमीटर तक ट्रैक से संबंधित काम बढ़ाने की सोच रही है। हम इसे पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वी और पश्चिमी माल ढुलाई पर काम मार्च 2020 तक पूरा हो जाएगा, और पूरे रेलवे का विद्युतीकरण भी वर्ष 2022 तक पूरा हो जाएगा।
इस कार्यक्रम में नॉलेज पेपर भी लॉन्च हुआ। यह नॉलेज पेपर सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले परिवहन और लॉजिस्टिक इंडस्ट्री में विभिन्न निवेश परियोजनाओं और अवसरों का विश्लेषण करता है।
उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय सीआईएलटी इंडिया एक्सपो 2018 खाद्य उद्योग, फार्मास्यूटिकल्स, गोदामों की सुविधा, शीत भंडार, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो और सभी माल ढुलाई सहित सभी उद्योग क्षेत्रों के लिए महान अवसर उपलब्ध कराने की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम करेगा। सीआईएलटी इंडिया एक्सपो 2018 लॉजिस्टिक इंडस्ट्री के सामने आने वाली मौजूदा चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए नवीनतम नवाचारों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेगा।