आलोक वर्मा का जवाब ‘लीक’ होने के बाद सुनवाई स्थगित
नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) की रपट पर अपने समक्ष सीलबंद लिफाफे में दाखिल किए गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के जवाब के लीक होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंगलवार को मामले की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई मामले को लेकर नाखुश दिख रहे थे। प्रधान न्यायाधीश ने एक न्यूज पोर्टल पर वर्मा के जवाब के हिस्सों की खबर प्रकाशित होने के बाद अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि “हम आज मामले की सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं।”
गोगोई ने साथ ही कहा कि पीठ के दो न्यायाधीश- न्यायमूर्ति किशन कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ- आज रात बाहर जा रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने वरिष्ठ वकील फली नरीमन को उन्हें दी गई एक रिपोर्ट को देखने को कहा।
गोगोई ने वरिष्ठ वकील से कहा, “इस रिपोर्ट को आपको वर्मा के वकील के तौर पर नहीं, वरिष्ठ वकील के तौर पर दिया गया था।”
प्रधान न्यायाधीश ने संस्थान का सबसे वरिष्ठ सम्मानीय सदस्य होने की बात कहते हुए कहा, “अगर आप इसका जवाब देने के इच्छुक हैं तो हम सुनवाई को एक घंटे के लिए स्थगित करेंगे।”
हालांकि, इस पर वकील नरीमन ने जानकारी न होने की बात कही और कहा, “इसे देखकर मैं भी परेशान हूं। मैं अदालत से रिपोर्ट लीक करने वालों को सम्मन करने का आग्रह करता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया स्वतंत्र है, लेकिन इसी के साथ इसे जिम्मेदार भी बनना होगा। मीडिया को आजाद व जिम्मेदार दोनों होना चाहिए।
मीडिया की उन रपटों का जिक्र करते हुए कि वर्मा का जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की गई है, नरीमन ने स्पष्टीकरण दिया कि जिस वकील ने यह आग्रह किया वह पूरी तरह से अनधिकृत है और उन्हें (नरीमन) इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, “इसकी सूचना मुझे नहीं दी गई। मुझे जानकारी नहीं है। किसी ने उनसे उल्लेख करने के लिए नहीं कहा था। हमने वर्मा का जवाब तैयार करने के लिए पूरी रात काम किया। यह पूरी तरह से अनधिकृत है।”
नरीमन ने कहा कि सुबह अखबार देखने के बाद से वह परेशान हैं।