रिटायर हुआ Kilogram, अब इसमें मापा जाएगा वजन, वजह जान कर उड़ जाएंगे होश
किसी भी चीज का वजन ज्ञात करने के लिए हम किलोग्राम का इस्तेमाल करते हैं। फल, अनाज, सब्जी से लेकर इंसान का वजन तक किलोग्राम से मापा जाता है। इसी को लेकर एक बड़ा बदलाव हो गया है। 50 से ज्यादा देश ने अपनी सहमती से एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मापन प्रणाली में बदलाव किया गया है।
फ्रांस के वर्सेल्स में कई देशों के वैज्ञानिक एकजुट हुए थे, जिसने मापन की इकाई में बदलाव करने के फैसले के लिए हां कर दी है। वैज्ञानिकों ने दशकों इंतजार किया, जैसे ही फैसला आया वहां तालियां बजने लगी और खुशी जाहिर की, यहां तक की कुछ प्रतिनिधियों की आंखों में आंसू भी आ गए। मतदान के बाद किलोग्राम और अन्य मुख्य मानक इकाइयों को दोबारा परिभाषित किया जाएगा| यह 20 मई से प्रभावी होगा।
किब्बल या वाट बैलेंस में मापा जाएगा किलोग्राम-
आने वाले समय में अब किलोग्राम को किब्बल या वाट बैलेंस में मापा जाएगा। यह एक ऐसा उपकरण है, जो विद्युत चुंबकीय ऊर्जा के इस्तेमाल से सटीक गणना बताएगी। इसके बाद किलोग्राम की परिभाषा को कोई नहीं बदल पाएगा और ना नही कोई इसे नुकसान पहुंचा पाएगा। यह नया मानक पूरी दुनिया में वैज्ञानिकों को सटीक माप उपलब्ध कराएगा। इसे एक बार लागू करने के बाद सभी एसआई यूनिट फंडामेंटल कंस्टेंट की प्रकृति पर आधारित होंगी, जिसके मायने हमेशा के लिए तय हो जाएंगे और ये और भी अधिक सटीक पैमाइश कर पाएगा।
क्यों हो रहा बदलाव?
1889 से लेकर अब तक एक किलोग्राम की माप प्लेटिनियम-इरिडियम के ऑइल से बने एक सिलेंडर के द्रव्यमान से तय होती रही है। कुछ वर्षों के अंतराल में इस सिलेंडर की सफाई भी की जाती है। यह सिलेंडर पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय मानक संस्थान में रखा हुआ है। इसे ‘ला ग्रांड’ के नाम से भी जाना जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पेरिस में रखे इस सिलेंडर पर प्रदूषण के प्रभाव का असर हो सकता है। इस पर थोड़ी बहुत धूल जम जाती हो। सफ़ाई करते वक़्त घर्षण की वजह से भी इसके द्रव्यमान में सूक्ष्म परिवर्तन आ सकता है। इसके मान में आए बदलाव के बाद ही यह तय किया गया कि माप प्रणाली में परिवर्तन किया जाएगा।