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उप राष्ट्रपति ने 4 हस्तियों को जमनालाल बजाज पुरस्कार से नवाजा

 मुंबई, 15 नवंबर (आईएएनएस)| उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को मानवीय व सामाजिक कार्यो के क्षेत्र में कार्य के लिए चार प्रसिद्ध गांधीवादी हस्तियों को 41वें जमनालाल बजाज पुरस्कार से नवाजा।

 जमनालाल बजाज पुरस्कार 2018 के विजेता हैं; उत्तराखंड के धूम सिंह नेगी, गुजरात की रुपाल देसाई व राजेंद्र देसाई, राजस्थान के प्रसन्ना भंडारी और अमेरिका के द मार्टिन लूथर किंग जूनियर रिसर्च व एजुकेशन इंस्टीट्यूट के संस्थापक निदेशक क्लेबोर्न कार्सन।

जमनालाल बजाज फाउंडेशन (जेबीएफ) द्वारा प्रस्तुत वार्षिक पुरस्कार दिवंगत उद्योगपति जमनालाल बजाज की याद में दिए जाते हैं और यह मानवीय व गांधीवादी कार्यक्रमों के क्षेत्र में सफल व्यक्तियों को मान्यता देते हैं। प्रत्येक श्रेणी के पुरस्कार में सम्मान पत्र, ट्रॉफी और 10 लाख की इनामी राशि दी जाती है।

यह पुरस्कार महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.वी. राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जमनालाल बजाज फाउंडेशन के अध्यक्ष राहुल बजाज, जेबीएफ सलाहकार परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी.एस. धर्माधिकारी (सेवानिवृत) और अन्य गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी में दिए गए।

पूर्व शिक्षक नेगी को उत्तराखंड में गुरु जी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने चिपको आंदोलन सहित पर्यावरण सुरक्षा के लिए कई रचनात्मक आंदोलनों का नेतृत्व किया है। साथ ही उन्होंने गांधी जी-विनोबा भावे के ग्राम स्वराज में भी हिस्सा लिया था।

पूर्व अमेरिकी कॉर्पोरेट कार्यकारी रुपाल देसाई और उनके पति राजेंद्र देसाई 1984 में भारत लौटे और सामाजिक कार्यो में लग गए। उन्होंने अपने तकनीकी ज्ञान को ग्रामीण समुदायों की बेहतरी के लिए प्रयोग किया।

रुपाल शिल्पकार हैं जबकि राजेंद्र इंजीनियर हैं।

श्री कर्णी नगर विकास समिति (कोटा) के संयोजक भंडारी ने त्यागे नवजातों, गरीबों, परेशान महिलाओं, लड़कियों और असहाय बुजुर्गो के लिए कार्य किया है।

गांधी और मार्टिन लूथर किंग से प्रभावित कार्सन ने 2008 में गांधी व किंग की धारणाओं को सिखाने के लिए एक अभियान शुरू किया था। उन्होंने छात्र आंदोलनों में भाग लिया था और वह मार्टिन लूथर किंग के वाशिंगटन डी.सी. की ओर ऐतिहासिक 1963 मार्च में शामिल हुए थे।

जेबीएफ ने 2019 पुरस्कारों के लिए नामांकन दाखिल की प्रक्रिया को भी शुरू करने की घोषणा की।

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