केंद्र सरकार ने सार्वजनिक की राफेल डील की जानकारी, सच देख कर चौंक जाएंगे आप
राफेल विमान डील के विवादों को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी सारी जानकारी सार्वजनिक कर दी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया की कैसे हुई थी राफेल डील। केंद्र ने 36 राफेल विमानों के खरीद की सारी जानकारी याचिकाकर्ताओं को सौंप दी है।
राफेल विवाद की याचिका वरिष्ठ वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कुल 9 पन्नों के दस्तावेज सौंपे हैं, जिसमें डील की पूरी प्रक्रिया समझाई गई है। सरकार ने बताया कि इस डील को उन्होंने राफेल विमान रक्षा खरीद प्रक्रिया-2013 के तहत की।
https://www.scribd.com/document/392956394/Rafale-Reply
साथ ही भारत सरकार ने बताया कि इसकी खरीद के लिए रक्षा खरीद परिषद की मंजूरी ली गई थी व भारतीय दल ने फ्रांसीसी पक्ष के सात बात भी की थी। एक साल तक फ्रांसीसी पक्ष से बात करने के बाद रक्षा खीद परिषद से मंजूरी मिलने के बाद डील की गई।
केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि राफेल पर भारतीय ऑफसेट पार्टनर चुनने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। ये पूरी तरह से ऑरिजनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर (OEM) यानी डेसाल्ट एविएशन का फैसला था। दस्तावेज में बताया गया है कि आफसेट पार्टनर का चुनाव दो निजी कंपनियों का फैसला था, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि सरकार का प्रस्ताव हमेशा से रहा है कि राफेल डील की कीमत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सार्वजनिक नहीं की जा सकती।