ऊर्जा दक्षता के लिए ईईएसएल, एडीबी में 1.3 करोड़ डॉलर का करार
नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)| ऊर्जा दक्षता कोष के लिए ईईएसएल और एडीबी के बीच 1.3 करोड़ डॉलर का करार हुआ है।
देश में ऊर्जा दक्षता के लिए जरूरी वित्तीय संसाधनों तथा तकनीक मुहैया कराने, ग्रिड प्रबंधन को बेहतर करने और ई-मोबिलिटी बढ़ाने के उद्देश्यों के साथ ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में नवाचार और शोध को बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी इंस्पायर 2018 के तीसरे संस्करण की शुरुआत के पहले दिन रविवार को यह करार हुआ। तीन दिवसीय इस गोष्ठी का आयोजन यहां एनर्जी एफीशिएंसी सर्विसिस लिमिटेड (ईईएसएल) और विश्व बैंक की ओर से किया जा रहा है। नवाचार विषय पर आयोजित इन्सपायर 2018 में पहली बार ऊर्जा नवाचार चुनौतियों के तहत स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता में किए गए चार पथ प्रदर्शक नवाचारों को सम्मानित किया गया।
आयोजकों की तरफ से जारी बयान के अनुसार, नए, नवाचारी और प्रभावी बिजनेस मॉडलों में निवेश के जरिए सहयोग देने के लिए ईईएसएल और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने एक समझौता किया, जिसमें ऊर्जा दक्षता चक्रीय कोष (ईईआरएफ) की स्थापना के लिए ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) के जरिए 1.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद दी जाएगी।
बयान के अनुसार, ईईआरएफ का मकसद भारत में ऊर्जा दक्षता से जुड़े बाजार में निवेश को बढ़ाना और लगातार प्रवाह सुनिश्चित करना, बाजार में विविधता का निर्माण तथा मौजूदा तकनीक को उन्नत करना शामिल है।
केंद्रीय मंत्री आर. के. सिंह ने गोष्ठी के उद्घाटन पर कहा कि इंस्पायर 2018 और इनोवेट टू इंस्पायर चैलेंज के जरिए खोजे गए तरीकों के साथ जब ऊर्जा दक्षता चक्रीय कोष (ईईआरएफ) संसाधनों का इस्तेमाल होगा तो वह भारत में ऊर्जा खपत का भविष्य पुनर्निधारित करेगा। मंत्री ने हैशइनोवेट टू इंस्पायर चैलेंज के विजेताओं को सम्मानित भी किया।
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनाद अहमद ने कहा, “2005 के स्तर से 2030 तक कार्बन तीव्रता को 33-35 प्रतिशत तक कम करने की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं को हासिल करने के लिए, ऊर्जा दक्षता और स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रम के जरिए ईईएसएल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
ईईएसएल के चेयरमैन राजीव शर्मा ने कहा, “नवाचार ही पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने और खर्च कम करने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है। हमें यकीन है कि वित्तीय और सामथ्र्य से जुड़ी मदद के सहारे नवाचार के विकल्प चमत्कारिक तरीके से बाजार, अर्थव्यवस्था, समाज और राष्ट्र निर्माण में परिवर्तन ला सकते हैं।”
बयान के अनुसार, इंस्पायर 2018 के दौरान ईईएसएल और गेल ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत प्राकृतिक गैस आधारित साझा उत्पादन और भारत के व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र में ट्राइजनरेशन टेक्नोलॉजी पर काम होगा। इस करार के चलते होटलों, अस्पतालों, हवाईअड्डे, कामर्शियल मॉल, व्यापारिक और सरकारी इमारतों, एकीकृत रिहायशी कॉम्प्लेक्सों, शैक्षणिक संस्थानों, डाटा सेंटर और दूसरे क्षेत्रों में लाभ होगा और समेकित ऊष्मा और ऊर्जा की तकनीक का फायदा मिलेगा।