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जेजीयू ने सीएसआर साझेदारी पर सम्मेलन अयोजन किया

नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)| जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी(जेजीयू) ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के साथ मिलकर तीन दिवसीय ‘नार्थन कांक्लेव फॉर बिल्डिंग सीएसआर पार्टनरशिप’ का आयोजन किया। यह कार्यक्रम एक नवंबर से तीन नवंबर के बीच आयोजित किया गया। जेजीयू की तरफ से जारी बयान के अनुसार, इस कांक्लेव का आयोजन जेजीयू-सेंटर फॉर एक्सलेंस इन कॉरपोरेट रेस्पोंस्बिलिटी एंड संस्टेनेबिलिटी(सीईसीआरएएस) और टीआईएसएस- एसेसमेंट एंड इम्पनेलमेंट स्टैंडर्स फॉर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट इन इंडिया(एईएसडीआईआई) के सहयोग से आयोजित किया गया। कांक्लेव को कॉरपोरेशन, गैर-लाभकारी संगठन(एनपीओ), सरकारी प्रतिष्ठानों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाने के लिए एक बहु-हितधारक मंच के रूप में डिजाइन किया गया था।

इस अवसर पर आईआईएचईडी के एसोसिएट निदेशक, चीफ सस्टेनिबिलिटी ऑफिसर और सीईसीआरएएस के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर अमित लाहिड़ी ने कहा, “तीन दिवसीय कांक्लेव का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि मुंबई और दिल्ली के दो विश्वविद्यालयों ने एकसाथ आकर बहु-हितधारक वार्ता के लिए एक मंच का निर्माण किया। इनमें से एक 80 वर्ष से ज्यादा पुराना सरकारी विश्वविद्यालय है, तो एक 10 वर्ष पुराना निजी विश्वविद्यालय। यह मंच कॉरपोरेशंस, एनजीओ और सरकारी प्रतिष्ठानों को एक जगह लाता है। सीएसआर लोगों की भलाई के लिए होता है और यह केवल साझेदारियों में हो सकता है, क्योंकि यह कुछ ऐसा है कि कार्पोरेशन या विकास संस्थान इसे अकेला नहीं कर सकता।”

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव ज्ञानेश्वर सिंह ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इसके अलावा इंडियन स्टील एसोसिएशन के महासचिव डॉ. भास्कर चटर्जी ने ‘सीएसआर इन इंडिया-पास्ट, प्रजेंट एंड फ्यूचर’ विषय पर अपने विचार साझा किए।

जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर(डॉ) सी.राजकुमार ने कहा, “हमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सीएसआर संरचना पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। कॉरपोरेट मिशन को सामाजिक मिशन में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।”

 

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