शेयर बाजार : तिमाही नतीजे, आर्थिक आंकड़े तय करेंगे चाल
मुंबई, 4 नवंबर (आईएएनएस)| अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल कंपनियों के सितंबर तिमाही नतीजे, आर्थिक आंकड़े, अमेरिकी फेड रिजर्व का ब्याज दरों पर किया जाने वाला फैसला, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के प्रति रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमते मिलकर तय करेंगी। अगले सप्ताह शेयर बाजार दिवाली के दिन बुधवार (7 नवंबर) को और दिवाली बालीप्रतिपदा के दिन गुरुवार (8 नवंबर) को बंद रहेंगे। हालांकि दिवाली के दिन बुधवार को बाजार शाम में मूहूर्त ट्रेडिंग के लिए 5.15 बजे से लेकर 6.30 बजे तक खुलेंगे।
अगले सप्ताह जिन कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होंगे, उनमें बोस, सिप्ला, गेल (इंडिया), पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपनी जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा सोमवार (5 नवंबर) को करेंगे।
आर्थिक मोर्चे पर, निक्केई सर्विसेज पीएमआई का अक्टूबर का आंकड़ा सोमवार (5 नवंबर) को जारी किया जाएगा। निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई सितंबर में चार महीने के निम्नतम स्तर पर 50.9 पर आ गया था, जबकि इसके एक महीने पहले यह 51.5 पर रहा था।
इस सूचकांक में 50 से कम का अंक मंदी का तथा 50 से ऊपर का अंक तेजी का संकेत है।
वैश्विक मोर्चे पर, बैंक ऑफ जापान अपनी सितंबर की नीतिगत बैठक के मिनट्स सोमवार (5 नवंबर) को जारी करेगी। इसी दिन यूरो जोन के वित्त मंत्री गहरे यूरो जोन समेकन के लिए मिलेंगे, जिसमें यूरो जोन के बजट, यूरो जोन बेलआउट फंड के लिए नई शक्तियां और यूरो जोन जमा गारंटी योजना की स्थापना पर चर्चा करेंगे।
चीन की काइशिन सर्विसेज पीएमई का अक्टूबर का आंकड़ा सोमवार (5 नवंबर) को जारी किया जाएगा। अमेरिका मार्किट सर्विसेज पीएमआई का अक्टूबर का आंकडा़ भी सोमवार (5 नवंबर) को ही जारी किया जाएगा। इसी दिन अमेरिका के अक्टूबर के आईएसएम गैर-विनिर्माण पीएमआई का आंकड़ा भी जारी किया जाएगा।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की फेरडन ओपन मार्केट कमिटि (एमओएमसी) की ब्याज दरों को तय करने के लिए दो दिवसीय बैठक बुधवार (7 नवंबर) से शुरू होगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की एफओएमसी ब्याज दरों पर अपने फैसले की घोषणा गुरुवार (8 नवंबर) को करेगी।
फेड रिजर्व ने अपनी पिछली बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी, जिससे वैश्विक निवेशक आर्कषक रिटर्न की चाह में भारतीय बाजार से तेजी से पूंजी निकाल कर अमेरिकी बाजार में लगाने लगे हैं, जिसका अगर घरेलू शेयर बाजारों पर देखने को मिल रहा है। अगर फेड रिजर्व एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है, तो घरेलू शेयर बाजारों पर इसका गहरा असर होगा।