शांति का मतलब केवल ‘युद्ध न होना’ नहीं : मोदी
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को हल करने के लिए ‘एकजुट’ काम करने की जरूरत पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि शांति का मतलब महज ‘युद्ध न होना’ नहीं है।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 49वें संस्करण में कहा, “गरीबों में सबसे गरीब का विकास शांति का असल सूचक है।”
उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी विश्व शांति की बात होगी, भारत का नाम और उसका योगदान सुनहरे अक्षरों में लिखा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही भारत का प्रथम विश्व युद्ध के साथ सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं था लेकिन यह एक महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि भारतीय सैनिकों ने इसे बहादुरी से लड़ा और अपने जीवन का बलिदान कर बहुत बड़ी भूमिका निभाई।
मोदी ने कहा, “भारतीय सैनिकों ने दुनिया को दिखाया कि अगर युद्ध की बात आती है तो वे किसी से पीछे नहीं हैं। हमारे सैनिकों ने कठिन क्षेत्रों और प्रतिकूल परिस्थितियों में अदम्य साहस दिखाया है। इसके पीछे एक ही उद्देश्य रहा है- शांति बहाल करना। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान दुनिया ने मृत्यु और विनाश का नृत्य देखा।”
उन्होंने कहा, “करीब एक करोड़ सैनिकों और लगभग इतनी ही संख्या में नागरिकों ने अपनी जान गंवा दी। इसने पूरी दुनिया को शांति के महत्व को अहसास कराया व समझाया। लेकिन पिछले सौ वर्षों में शांति की परिभाषा बदल गई है। आज शांति का मतलब सिर्फ ‘युद्ध न होना’ नहीं है।