आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति जोधाबाई पर टिप्पणी कर चौतरफा घिरे
आगरा, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति अरविंद दीक्षित जोधाबाई का विवाह मुगल शासक अकबर से कराने को लेकर ‘राजपूतों की बुद्धि’ पर सवाल उठाने वाली अपनी टिप्पणी के कारण चौतरफा घिर गए हैं। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने दीक्षित का पुतला फूंका और उन्हें पद से हटाने की मांग की। हालांकि कुलपति ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञाप्ति में तुरंत ही माफी मांग ली और अपने बयान पर स्पष्टीकरण दे दिया।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के सदस्यों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति पर निशाना साधा और समुदाय के महान अतीत का अपमान करने का आरोप लगाया।
कुछ ब्राह्मण समूहों ने भी कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की मांग में अपना समर्थन दिया है।
बुधवार को वाल्मीकि जयंती पर दीक्षित ने कहा, “हमारे रोल मॉडल वे होने चाहिए, जिन्होंने अन्य धर्मो में धर्म-परिवर्तन से इनकार किया न कि वह जिन्होंने अपने साम्राज्य को बचाने के लिए जोधाबाई की शादी अकबर से करा दी।”
कुलपति ने कड़े विरोध के बीच तत्काल माफी मांग ली और कहा कि उन्हें गलत समझा गया।
दीक्षित ने जुबली हॉल में आयोजित एक सम्मेलन में वाल्मीकियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि अत्यंत दबाव के बावजूद वाल्मीकि समाज के कुछ नेताओं ने परिवर्तन से इनकार कर दिया। लेकिन राजपूतों ने शांति खरीदने के लिए जोधाबाई की शादी अकबर से करा दी।
स्थानीय इतिहासकारों का कहना है कि यह उन दिनों की जाने वाली एक सामान्य चीज थी। परस्पर-विरोधी राज्यों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के प्रोत्साहन के लिए महिलाओं की शादी कराई जाती थी।