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राष्ट्रीय टीम में वापसी मुश्किल, कोशिश जारी रखूंगा : लालिरिंदिका राल्ते (साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत की सीनियर फुटबाल टीम के लिए खेल चुके मिडफील्डर लालिरिंदिका राल्ते का कहना है कि एक सीनियर खिलाड़ी के रूप में राष्ट्रीय टीम में दोबारा वापसी करना मुश्किल है लेकिन वह आई-लीग के आगामी सीजन में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपनी कोशिश जारी रखेंगे।

आई-लीग में राल्ते भारत के सबसे प्रतिष्ठित फुटबाल क्लबों में से एक ईस्ट बंगाल के लिए खेलते हैं और शुक्रवार से शुरू हो रहे 2018-19 सीजन में भी टीम का अहम हिस्सा होंगे। 27 वर्षीय राल्ते ने माना कि भारतीय टीम में कई अनुभवी खिलाड़ी मौजूद हैं लेकिन आई-लीग में उनका प्रदर्शन यह निर्धारित करेगा कि वह टीम में वापसी कर पाएंगे या नहीं।

राल्ते ने आईएएनएस से कहा, “हाल में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है। भारत ने चीन के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया और एएफसी कप के लिए टीम की तैयारी शानदार है। नामुमकिन कुछ भी नहीं लेकिन अभी भारतीय टीम में वापसी करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि सभी खिलाड़ी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से राष्ट्रीय टीम में वापसी करना चाहता हूं। ऐसा होगा या नहीं, यह आई-लीग के नए सीजन में मेरे प्रदर्शन पर भी निर्भर करेगी। अगर मेरा प्रदर्शन अच्छा रहेगा तो मुझे यकीन है कि टीम में मेरी वापसी होगी क्योंकि कई खिलाड़ियों ने आई-लीग में अच्छा प्रदर्शन करके टीम में जगह बनाई है। राष्ट्रीय टीम में अधिकतर खिलाड़ी इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के हैं लेकिन आई-लीग में खेलने वाले खिलाड़ी भी सीनियर टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं।”

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) लंबे समय से भारतीय फुटबाल लीग को नया रूप देने की कोशिश में है और राल्ते का भी कहना है कि देश में इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) जैसी पूर्णकालिक लीग होनी चाहिए, जिससे खेल को नए आयाम मिल सके तथा खिलाड़ियों के खेल को अगले स्तर पर ले जाया जा सके। उन्होंने हालांकि, यह भी माना कि आईएसएल फिलहाल आई-लीग से बेहतर है।

राल्ते ने कहा, “भारत में पूर्णकालिक लीग शुरू करने का विचार बहुत ही बढ़िया है। यह भारतीय फुटबाल के लिए बहुत अच्छा होगा, लीग में अधिक खिलाड़ियों और टीमों के होने से देश में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिससे खिलाड़ियों के खेल का जल्द विकास होगा।”

राल्ते ने आगे कहा, “आईएसएल में अच्छी सुविधाएं मौजूद हैं। वहां पर मौजूद टीमों में अच्छे खिलाड़ी एवं बेहतर कोच हैं। उनके प्री-सीजन मुकाबले भी देश के बाहर ही होते हैं, जिससे खिलाड़ियों का अनुभव बढ़ता है। आई-लीग ने भी हाल के समय में बहुत विकास किया है। ईस्ट बंगाल ने इस बार जॉनी अकोस्टा जैस विश्व स्तरीय खिलाड़ी को टीम में शामिल किया, जो फीफा विश्व कप में खेल चुके हैं। स्पेनिश दिग्गज रियल मेड्रिड की बी-टीम के कोच को भी क्लब में लाया गया है लेकिन अब भी मैं समझता हूं कि कुल मिलाकर आईएसएल का स्तर आई-लीग से ऊंचा है और सभी इसमे खेलना चाहते हैं।”

आई-लीग के नए सीजन के पहले मुकाबले में इंडियन एरोज के सामने चेन्नई सिटी एफसी की चुनौती होगी।

 

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