देश में ‘पब्लिक पॉलिसी’ का पहला स्कूल खुलेगा
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| इंडियन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी (आईएसपीपी) लोकनीति (पब्लिक पॉलिसी) के लिए देश का पहला स्कूल होगा, जो ऐसे संस्थानों के डिजाइन व प्रबंधन पर केंद्रित है, जो समाज का संचालन करते हैं। इसका शुभारंभ मंगलवार को पूर्व नीति निर्माताओं, औद्योगिक नेतृत्वकर्ताओं व प्रतिष्ठित शास्त्रज्ञों ने किया। इस स्कूल का पहला सत्र 19 अगस्त, 2018 से शुरू होगा। कोर्स का शुल्क ज्यादा नहीं, मात्र सात लाख रुपये प्रतिवर्ष होगा।
शुभारंभ कार्यक्रम की शुरुआत बुद्धिजीवी एवं लेखक गुरचरन दास के संबोधन के साथ हुआ। इसके बाद पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह ने अपने विचार रखे।
विज्ञप्ति के अनुसार, यह स्कूल भारत के लिए नीति निर्माताओं की नई श्रेणी का विकास करेगा तथा पॉलिसी प्रोफेशनल्स को ज्ञान, कौशल, योग्यता एवं नैतिकता से सुसज्जित करेगा, ताकि वो भारत में पॉलिसी व प्रशासन की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्थानीय समाधानों को समझकर, डिजाइन कर उनका क्रियान्वयन कर सकें।
यह एक वर्षीय मास्टर के समकक्ष कार्यक्रम दुनिया में पब्लिक पॉलिसी के सिद्धांतों, योजनाओं एवं सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के बारे में बताएगा, जो तकनीकी, प्रबंधकीय एवं नेतृत्व कौशल द्वारा विकसित किए गए हैं।
इस अवसर पर बताया गया कि एकेडेमिक काउंसिल के सदस्य डॉ. शुभाशीष गंगोपाध्याय इस स्कूल के फाउंडिंग डीन होंगे।
उन्होंने कहा, “नए इंस्टीट्यूट की स्थापना विभिन्न हितधारकों के लिए असीमित संभावनाएं पेश करती हैं। आईएसपीपी में भी ऐसा ही होगा। हमारा मिशन एवं उद्देश्य एक विकसित प्रशिक्षण एवं शोध मंच तथा प्रतिभाशाली एवं महत्वाकांक्षी विद्यार्थियों, फैकल्टी और प्रैक्टिशनर्स के गतिमान समुदाय का निर्माण करना है। यह एकवर्षीय प्रोग्राम वर्किं ग प्रोफेशनल्स एवं ग्रेजुएट्स के लिए मास्टर के समकक्ष डिजाइन किया गया है।”
आईएसपीपी के संरक्षकों में नंदन नीलेकणि, श्रीवल्लभ भंसाली व जयतीर्थ राव भी शामिल हैं।
यह स्कूल विद्यार्थियों को दो से तीन साल के प्रोफेशनल अनुभव के साथ पब्लिक पॉलिसी, डिजाइन और मैनेजमेंट में एक वर्षीय फुलटाइम प्रोग्राम पेश करेगा और 20 प्रतिशत पंजीकृत विद्यार्थियों को शुल्क में पूरी छूट देगा।