देश की सुरक्षा पर बड़े और साहसी फैसले लेगी सरकार : मोदी
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार देश की सुरक्षा के मुद्दे पर बड़े और साहसी फैसले लेने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संप्रभुता के लिए जो भी खतरा सामने आएगा, उसका जवाब दोगुनी ताकत से दिया जाएगा। स्वतंत्रता आंदोलन में आजाद हिंद फौज के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की। उन्होंने यहां आजाद हिंद सरकार के गठन के 75 वर्ष पूरे होने पर लाल किले पर राष्ट्रध्वज भी फहराया। नेताजी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आजाद हिंद सरकार का गठन किया था।
उन्होंने कहा, “इस सरकार के पास बड़े और साहसी फैसले लेने की हिम्मत है। और यह भविष्य में ऐसे ही जारी रहेंगे। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर नेता जी की फाईलों को सार्वजनिक करना, सशस्त्र बलों के लिए वन रैंक वन पेंशन मुहैया कराने जैसे फैसले केवल हमारी सरकार द्वारा किए गए। नेता जी द्वारा देखे गए सपने केवल इसी सरकार द्वारा आगे ले जाए गए।”
मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत कभी भी किसी दूसरे की जमीन का लालची नहीं रहा। उन्होंने कहा, “हमारी सेना की मजबूती हमेशा आत्मरक्षा रही है और भविष्य में भी ऐसा ही जारी रहेगी। यह हमारा इतिहास रहा है। लेकिन भारतीय संप्रभुता के लिए जो भी खतरा सामने आएगा, उसका जवाब दोगुनी ताकत से दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सेना को मजबूत बनाने के लिए पिछले चार वर्षो में कई प्रयास किए गए हैं। भारतीय सेना के लिए सर्वश्रेष्ठ तकनीक उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पिछली सरकारों को देश को विदेशी चश्मे से देखने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “अगर हमारे देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे शख्सियतों का मार्गदर्शन मिला होता और अगर भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो स्थितियां बहुत भिन्न होतीं। यह दुखद है कि सिर्फ एक परिवार की मौजूदगी को बढ़ाने के लिए पटेल, अंबेडकर व बोस जैसे भारत के सपूतों को भुला दिया गया।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार इसे बदल रही है।” उन्होंने ढृढ़ता से कहा कि देश की संप्रभुता बोस की परिकल्पना का एक महत्वपूर्ण पहलू था।
मोदी ने बोस के शब्दों को दोहराया, “हथियारों की ताकत और जान की कुर्बानी के साथ आपको आजादी हासिल करनी होगी और तब जाकर देश आजाद होगा। आपको राष्ट्र के लिए एक स्थायी सेना बनानी होगी, जिसका काम हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करना होगा।”
मोदी ने कहा, “आज मैं यह कह सकता हूं कि भारत एक ऐसी सेना की रचना की ओर बढ़ रहा है, जिसकी कल्पना नेताजी ने की थी। जोश, जुनून और जज्बा काफी लंबे समय तक हमारी सेना का हिस्सा रहे, लेकिन अब तकनीक, आधुनिक हथियार और उपकरण इनके साथ जुड़ चुके हैं।”
नेताजी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आजाद हिंद सरकार का गठन किया था।
मोदी ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी नेताजी के सपने पूरे नहीं हुए।
उन्होंने स्वीकार किया कि आजादी के बाद से भारत इन वर्षो में कई कदम आगे निकल गया है, लेकिन नई ऊंचाइयों को छूना अभी बाकी है।
मोदी ने दावा किया कि राजग सरकार उस दौर में एक नए भारत की परिकल्पना के साथ आगे बढ़ कर इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जब विनाशकारी शक्तियां हमारे ऊपर हमले कर रही हैं।
मोदी ने जोर देकर कहा कि नए भारत की परिकल्पना बोस की कल्पना के भीतर है।
उन्होंने कहा, “यह प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि वह ऐसी ताकतों से लड़ने, उन्हें हराने और राष्ट्र निर्माण में अपनी पूरी क्षमता से योगदान देने के लिए नेताजी से प्रेरित हो।” उन्होंने कहा कि भारत ने आश्चर्यजनक त्याग के बाद आजादी हासिल की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी ने रानी झांसी रेजीमेंट के गठन के माध्यम से सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसर की नींव रखी थी।
उन्होंने कहा, “सरकार उसी विरासत को आगे ले जा रही है। महिलाओं को सशस्त्र बलों में समान अवसर दिए जाएंगे।”