अफगानिस्तान : मतदान के दौरान हिंसा में 5 मरे, 118 घायल
काबुल, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| अफगानिस्तान में लंबे अंतराल बाद संसदीय चुनाव के लिए शनिवार को हुए मतदान के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोटों और हिसक हमलों में पांच लोगों की मौत हो गई और 118 अन्य घायल हो गए। सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता जीयर खान ने कहा कि काबुल में विस्फोट में कम से कम तीन लोग मारे गए और 78 अन्य घायल हो गए।
कुंदुज प्रांतीय परिषद के प्रमुख यूसुफ अयूबी ने समाचार एजेंसी एफे को बताया कि कुंदुज प्रांत में तालिबान के मोर्टार और सशस्त्र हमलों में दो लोग मारे गए और 40 अन्य घायल हो गए।
उन्होंने कहा, “कुदुंज शहर और इमाम-साहिब जिले में 30 रॉकेट दागे गए। करीब 15 रॉकेट शिर खान हाईस्कूल और बंदाहार-ए-इमाम साहिब में गिरे।”
उन्होंने कहा, “यहां लोग मारे गए और घायल हुए। कम से कम दो लोग मारे गए हैं और 40 अन्य घायल होग गए। कुंदुज के तीन जिलों में आज लड़ाई चल रही है।”
गृहमंत्री के प्रवक्ता नजीब दानिश ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अफगान सरकार ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान 70,000 जवानों को तैनात किया। यह संख्या पहले घोषित जवानों की संख्या से 16,000 ज्यादा है।”
उन्होंने कहा कि 34 प्रांतों में से 32 में 4,900 मतदाता केंद्र बनाए गए थे। पूरे देश में मतदान सुबह सात बजे शुरू होने थे, लेकिन कुछ मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह लगभग नौ बजे और कहीं-कहीं इसके भी बाद शुरू हुए।
कुछ मतदान केंद्रों पर बायोमीट्रिक यंत्र खराब थे, जबकि कहीं चुनावी सामग्री ही मतदान केंद्रों तक समय पर नहीं पहुंच सकी।
गाजनी प्रांत में जातीय तनाव व सुरक्षा कारणों से मतदान शुरू होने में देरी हुई, जबकि कंधार में गुरुवार को शीर्ष स्तरीय सुरक्षा बैठक में तालिबान के हमले की वजह से चुनाव को एक सप्ताह आगे कर दिया गया। हमले में शीर्ष अधिकारी मारे गए थे और घायल हुए थे।
चुनाव आयोग ने कहा कि जो केंद्र शनिवार को नहीं खुल पाए, वहां रविवार को भी मतदान होंगे।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था, “मतदान का आयोजन संविधान, जनता और लोकतंत्र की जीत है।”
तालिबान द्वारा लोगों को मतदान न करने की सार्वजनिक धमकी देने के बीच उन्होंने लोगों से मतदान करने का आग्रह किया।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान जारी कर कहा, “पूरे देश में दुश्मनों के मतदाता केंद्र मुजाहिदीनों के हमले की जद में हैं। देश के लोगों को अपनी जिंदगियों को बचाने के लिए इस फर्जी प्रक्रिया से दूर रहना चाहिए।”