अमृतसर हादसा : 59 की मौत, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
अमृतसर, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमृतसर के धोबी घाट इलाके में जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार की शाम रावण दहन देख लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या 59 हो गई है और 58 लोग घायल हुए हैं। अभी तक 39 मृतकों की पहचान कर ली गई है। इस बीच पंजाब सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे को लेकर शनिवार को मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया जिसमें 59 लोगों के मरने की और 58 लोगों के घायल होने की जानकारी दी गई। पुलिस आयुक्त सुधांशु श्रीवास्तव ने कहा कि मृतकों की सही संख्या के बारे में अभी नहीं कहा जा सकता है लेकिन संभावना है कि 61 लोग मारे गए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि अमृतसर हादसे की मजिस्ट्रेट जांच से पता चलेगा कि यहां समारोह के आयोजन के लिए जरूरी अनुमति ली गई थी या नहीं।
अमृतसर में शुक्रवार शाम करीब 7.15 बजे धोबी घाट में रावण दहन कार्यक्रम हो रहा था। रावण के जलते ही पटाखे फूटने और आग की लपटों से बचने के लिए लोग धोबी घाट से करीब 60 फीट दूर रेल पटरी पर चले गए और वहीं से नजारा देखने लगे। इसी बीच ट्रैक पर अमृतसर-हावड़ा ट्रेन आ गई। लोग खुद को किसी तरह बचाते हुए दूसरे ट्रैक पर आ गए लेकिन इससे पहले कि लोग कुछ समझते इस ट्रैक पर जालंधर-अमृतसर डीएमयू ट्रेन आ गई।
पटाखे की शोर में लोग ट्रेन की आहट भांप नहीं पाए और देखते-देखते चीख-पुकार मच गई। 10 सेकेंड में ट्रेन गुजर गई और लोगों के शव क्षत-विक्षत पड़े थे। मृतकों में बिहार-उत्तर प्रदेश के लोग भी बताए जाते हैं।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को घटनास्थल और घायलों से मुलाकात करने के लिए अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि जालंधर मंडल के आयुक्त अमृतसर रेल हादसे की जांच चार सप्ताह में पूरी करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे से कोई चूक हुई है, पर उन्होंने कहा कि जांच इस संबंध में गौर करेगी। अमरिंदर ने कहा, “जांच से खुलासा होगा कि समारोह के आयोजन के लिए मंजूरी ली गई थी या नहीं।”
उन्होंने हालांकि कहा कि रेल विभाग जांच कर रहा है, लेकिन राज्य सरकार अपनी तरफ से निजी जांच करेगी।
दुर्घटना के 16 घंटों बाद घटनास्थल पर आने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा, “मैं तेल अवीव जाने वाला था। दौरा रद्द कर मैं नई दिल्ली से अमृतसर आया हूं।”
अमरिंदर सरकार की ओर से आपदा पर देर से प्रतिक्रिया देने और दशहरा समारोह के आयोजकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर लोगों में काफी रोष व्याप्त है। लोगों का मानना है कि इन पर इसलिए कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि ये सत्तारूढ़ कांग्रेस के करीबी और पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी सहयोगी हैं।
अमरिंदर ने कहा कि वह अस्पताल में एक छोटी बच्ची से मिले, जिसका पूरा परिवार इस हादसे का शिकार हो गया।