‘यह अकबर बनाम रमानी नहीं, सरकार बनाम रमानी है’
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रिया रमानी के पति और पत्रकार समर हलरनकर ने कहा कि यह एम.जे. अकबर बनाम प्रिया रमानी नहीं है, बल्कि भारतीय संघ बनाम प्रिया रमानी है। समर ने कहा कि उन लोगों के पास ताकतवर वकीलों की फौज है। कानूनी नोटिस में 97 वकीलों के नाम सूचीबद्ध हैं, और उनकी पत्नी के पास सिर्फ एक वकील है।
स्क्रॉल डॉट इन के लिए मंगलवार को लिखे लेख में इंडियास्पैंड के लेखक हलरनकर ने कहा कि उनके और उनकी पत्नी के पास केंद्रीय मंत्री के ‘विशाल संसाधनों’ के सामने ‘केवल एक महत्वपूर्ण हथियार’ है और वह ‘सच्चाई’ है।
हलरनकर ने कहा, “अकबर ने मेरी पत्नी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है। उनका इरादा एकदम स्पष्ट है- उन्हें डराना-धमकाना, और उनके जरिए दूसरों को भी डराना, जिन्होंने उनके खिलाफ बोला है या जो बोलना चाहते हैं।”
अकबर ने सोमवार को नई दिल्ली में रमानी के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया है, जिन्होंने अकबर पर उनके संपादक रहते हुए उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
रमानी उन कई महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने अकबर के अनुचित कार्यस्थल व्यवहार को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।
हलरनकर ने कहा कि उनकी पत्नी में कभी भी साहस की कमी नहीं थी। लेकिन एक शक्तिशाली मंत्री और पूर्व संपादक के विरुद्ध आरोप लगाने के लिए विशेष प्रकार की हिम्मत की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा, “हालांकि उन्हें मंत्री के विरुद्ध आवाज उठाने का कोई मलाल नहीं है, उन्हें इस बात का पता था कि जो भी बात आगे उछालेगा, वह निशाना बनेगा। यही हो रहा है।”
रमानी के पति ने कहा, “हमारे पास अकबर के विरुद्ध मुकदमा लड़ने के लिए संस्थानिक समर्थन नहीं है। हमारे पास दिल्ली में राजनेताओं, नौकरशाहों और वकीलों का शक्तिशाली सर्किल नहीं है। हम जानते हैं कि उनके पास विशाल संसाधन है। इसकी शुरुआत इससे होती है कि कैसे इतनी जल्दी हमारे घर का पता मिल गया।”