भारत, चीन ने अफगान राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत और चीन ने सोमवार को अफगानिस्तान के राजनयिकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक संयुक्त कार्यक्रम लांच किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विदेश सेवा संस्थान(एफएसआई) में कार्यक्रम के लांच के मौके पर अपने संदेश में कहा, “मैं आज(सोमवार) बहुत खुश हूं कि हम चीन के साथ मिलकर अफगानिस्तान के 10 राजनयिकों के लिए नए प्रशिक्षण कार्यक्रम को शुरू कर नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन के वुहान में अपनी अनौपचारिक शिखर बैठक में पुनर्निमाण प्रक्रिया के तहत अफगानिस्तान में संयुक्त रूप से परियोजनाओं को लागू करने पर सहमति जताई थी।
भारत और चीन के बीच यह शिखर बैठक भारत-भूटान-चीन के अंतर्राष्ट्रीय तिराहे डोकलाम के पास 73 दिनों तक दोनों देशों के सेनाओं के आमने-सामने आ जाने के बाद हुई थी।
सुषमा स्वराज के संदेश को एफएसआई के निदेशक जे.एस. मुकुल ने पढ़ा, जिसमें आगे लिखा था, “अफगानिस्तान में संयुक्त सहयोग का बीज चीन में भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति ने बोया था, जब वे अप्रैल 2018 में वुहान में मिले थे।”
उन्होंने कहा, “इसे हम अफगानिस्तान की भलाई के लिए दीर्घकालिक त्रिपक्षीय साझेदारी की शुरुआत के रूप में देखते हैं।”
मंत्री ने कहा, “सरकार की प्राथमिकता के अनुसार विकासपरक साझेदारी और अफगानिस्तान के लोग हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग की आधारशिला हैं।”
स्वराज ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के साथ तीन अरब डॉलर की प्रतिबद्धत्ता के साथ महत्वाकांक्षी विकास साझेदारी कार्यक्रम शुरू किया था। इसके चार स्तंभ -आधारभूत संरचना का निर्माण, मानव संसाधनों का विकास, कनेक्टिविटी को बढ़ाना और व्यापार व निवेश संबंधों को बढ़ावा देना था।
उन्होंने कहा, “हेरात में भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध, काबुल में संसद भवन, ईरान में चाबहार बंदरगाह इस साझेदारी के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं।”
विदेश मंत्री ने कहा, “भारत में प्रतिवर्ष 35,00 अफगान नागरिकों के लिए छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए एक महत्वाकांक्षी क्षमता निर्माण कार्यक्रम को शुरू किया गया था।”
भारत में चीन के राजदूत ल्यू झाओहुई ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी का संदेश पढ़ा, जिसके अनुसार, “शी और मोदी ने अफगानिस्तान की अपने प्राथमिक साझेदार के रूप में पहचना की है।”
यी के अनुसार, “चीन और भारत अफगान शांति प्रक्रिया के सक्रिय समर्थक हैं।”
ल्यू ने कहा कि भारत और चीन दोनों ने अफगान की अगुवाई वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन किया है।
ल्यू ने इसके साथ ही मोदी और शी की अर्जेटिना में नवंबर में होने वाले जी20 सम्मेलन से इतर मुलाकात की भी घोषणा की।