#AbdulKalam : इस तरह सबसे अलग थे अब्दुल कलाम, जानिए उनके सफलता के विचार
भारत के ‘मिसाइल मैन’ के रूप में लोकप्रिय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है, कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है।
मिसाइलमैन के नाम से जाने-जाने वाले डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की आज जयंती है। देश के 11वें राष्ट्रपति और भारत को शक्तिशाली बनाने वाले महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम कई मायनों में देश के लिए खास हैं। उन्हें 2002 में भारत का राष्ट्रपति बनाया गया था।
कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलॉंग में निधन हो गया था। वे IIM Shilong में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।
सपने तभी सच होते हैं, जब हम सपने देखना शुरू करते हैं। सबके जीवन में दुख आते हैं, बस इन दुखों में सबके धैर्य की परीक्षा ली जाती है। जीवन में सुख का अनुभव तभी प्राप्त होता है जब इन सुखों को कठिनाईओं से प्राप्त किया जाता है।
शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वह माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या कोई दूसरा लक्ष्य। अगर हम अपने सफलता के रास्ते पर निराशा हाथ लगती है इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोशिश करना छोड़ दें, हर निराशा और असफलता के पीछे ही सफलता छिपी होती है।
सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते। ‘शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वह माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या कोई दूसरा लक्ष्य। देश का सबसे अच्छा दिमाग क्लासरूम के आखिरी बेंचों पर मिल सकता है।
छात्रों को प्रश्न जरूर पूछना चाहिए. यह छात्र का सर्वोत्तम गुण है। अगर एक देश को भ्रष्टाचार मुक्त होना है तो मैं यह महसूस करता हूं कि हमारे समाज में 3 ऐसे लोग हैं, जो ऐसा कर सकते हैं, ये हैं माता,पिता और शिक्षक।