Investors Summit में उत्तराखंड को मिला नया नाम- SEZ, पढ़े 10 बड़ी बातें
उत्तराखंड इंवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब उत्तराखंड को एक इंडस्ट्री का दर्जा प्राप्त हो गया है
देहरादून में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड इंवेस्टर्स समिट-2018 का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। इसके बाद समिट में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने भारत में टैक्स सिस्टम में सुधार किया है। साथ ही कहा कि अब उत्तराखंड को एक इंडस्ट्री का दर्जा प्राप्त हो गया है।आगे पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में आर्गेनिक स्टेट बनने की क्षमता है। इसी बीच उन्होंने उत्तराखंड के लिए SEZ नाम के शब्द का प्रयोग किया, SEZ यानि कि Spritual Economic Zone।
क्या होता है SEZ?
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले आर्थिक क्षेत्रों को स्पेशल इकॉनामिक जोन कहा जाता है। भारत सरकार ने स्पेशल इकॉनामिक जोन की शुरुआत 2005 में की। एसईजेड से होने वाले निर्यात पर कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, आयकर, मिनिमन अल्टरनेट टैक्स, डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स कुछ भी नहीं लगता इंडस्ट्री का दर्जा प्राप्त हो गया है।
समिट से जुड़ी 10 बड़ी बातें-
- दुनिया के हर बड़े ब्रांड भारत के मेक इन इंडिया में हिस्सा है।
- फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार ने फूड प्रोसेसिंग में सौ प्रतिशत एफडीआई को भी मंजूरी दी है।
- चाहे अन्न का उत्पादन हो, फल और सब्जी का उत्पादन हो, दूध का उत्पादन हो, अनेक क्षेत्रों में भारत दुनिया में पहले तीन स्थानों में है।
- क्लस्टर बेस्ड ऑर्गेनिक फार्मिंग के तहत राज्य को ऑर्गेनिक स्टेट बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया।
- उत्तराखंड में किसी भी प्रोजेक्ट की क्लीयरेंस को लेकर निवेशक को सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़े इसके लिए अनेक व्यवस्थाओं को ऑनलाइन किया गया है।
- प्रकृति, संस्कृति, योगा हर तरफ उत्तराखंड टूरिज्म का एक कंप्लीट पैकेज है, एक आदर्श गंतव्य है।
- 18 सालों में पहली बार 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की पहल की गई है।
- बैंकिंग सिस्टम मजबूत हुआ, जीएसटी टैक्स के क्षेत्र में रिफार्म रहा।
- केंद्र और राज्यों ने मिलकर 10 हज़ार से ज्यादा कदम उठाए गए।
- उत्तराखंड में अलग SEZ है। वह स्पिरिचुअल इको जोन है जो स्पेशल इकोनॉमिक जोन से काफी ज्यादा है।