IANS

मिनी स्ट्रोक पीड़ित 75 साल की महिला को मिला नया जीवन

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| ट्रांजिएंट इश्केमिक अटैक (टीआईए) या मिनी स्ट्रोक से पीड़ित 75 साल की एक महिला रुकमणि गर्ग को यहां के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में नया जीवन दान मिला।

हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. पी. एन. रंजन और उनकी टीम ने मरीज का सफल ऑपरेशन किया।

डॉ रंजन ने ने कहा, जब मरीज अस्पताल पुहंचीं तो उनके कंधे में बहुत तेज दर्द था और उनकी बाईं बाजू एकदम सुन्न पड़ चुकी थी। उन्हें बोलने में परेशानी हो रही थी। सीटी स्कैन और डीएसस रिपोर्ट की मदद से हमें पता चला कि उनकी दाईं कैरोटिड आर्टरी (गर्दन में मौजूद यह आर्टरी दिमाग, गर्दन और चेहरे को खून पहुंचाती है) 80 से 90 फीसदी ब्लॉक हो चुकी थी, जिस कारण उन्हें बार-बार माइनर स्ट्रोक आ रहे थे।

उन्होंने कहा, मरीज को पहले से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, सीएडी-पोस्ट पीटीसीए (कोरोनरी एंजियोप्लास्टी) और हाइपोथॉयराइडिज्म की समस्याएं थीं। उनकी एक ही किडनी काम कर रही थी। वह किडनी का इलाज भी ले रही थीं। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए हमने तुरंत सर्जरी कर स्टंट डालने का फैसला लिया।

डॉ. रंजन ने बताया, मरीज की अन्य बीमारियों को ध्यान में रखते हुए हमें बहुत ही सावधानी से उनकी सर्जरी करनी थी, अगर सर्जरी सफल नहीं रहती तो इस बात की संभावना थी कि मरीज को ऑपरेशन टेबल पर ही स्ट्रोक आ सकता था या आर्टरी में फिर से ब्लॉकेज या री-स्टेनोसिस भी हो सकता था। सर्जरी करते समय सर्जन को इन दोनों चीजों का खास ध्यान रखना होता है।

उन्होंने कहा, ट्रांजिएंट इश्केमिक अटैक इश्केमिक स्ट्रोक की तरह ही होते हैं, जो कैरोटिड आर्टरी में ब्लॉकेज के कारण होते हैं। इसमें दिमाग को खून ले जाने वाली इस आर्टरी में कॉलेस्ट्रॉल जम जाता है, जिससे दिमाग को खून की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो मरीज स्ट्रोक से पीड़ित हो सकता है। मरीज को स्ट्रोक से बचाने के लिए उसे समय पर अस्पताल ले जाना बहुत जरूरी होता है।

डॉ रंजन ने कहा, टीआईए या स्ट्रोक की आशंका कम करने के लिए व्यक्ति को स्वस्थ दिनचर्या अपनानी चाहिए। इसके लिए कम कॉलेस्ट्रॉल और फैट से युक्त पोषक आहार लेना चाहिए। खासतौर पर सैचुरेटेड फैट या ट्रांसफैट के कारण धमनियों में प्लॉक जमने की संभावना अधिक होती है। इसलिए ऐसे आहार के बजाय फलों, सब्जियों का सेवन करें जिसमें पौटेशियम, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद हों, जो आपको इस बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं।

उन्होंने कहा, इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम करें, अपने वजन पर नियंत्रण बनाए रखें, धूम्रपान और शराब छोड़ दें।

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