25 मेगावॉट से अधिक की जलविद्युत परियोजनाएं नवीकरणीय ऊर्जा श्रेणी में हो : जयराम
ग्रेटर नोएडा, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यहां कहा कि 25 मेगावॉट से अधिक की जलविद्युत परियोजनाओं को भी नवीकरणीय ऊर्जा श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।
अभी तक 25 मेगावाट तक की जल विद्युत परियोजनाएं इस श्रेणी में शामिल हैं। ठाकुर ने कहा, हिमाचल सरकार समस्त जल विद्युत परियोजनाओं को नवीकरणीय ऊर्जा की श्रेणी में शामिल करने के मुद्दे को उठाती रही है। वर्तमान में 25 मेगावॉट तक की जल विद्युत परियोजनाओं को इस श्रेणी के अन्तर्गत शामिल किया गया है। जल विद्युत परियोजनाएं हरित ऊर्जा का उत्पादन करती हैं, जो पर्यावरण अनुकूल है।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने बुधवार को यहां नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित द्वितीय वैश्विक पुनर्निवेश नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक मीट एवं प्रदर्शनी में हिस्सा लेते हुए निवेशकों को हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रमुख उद्यमी अनुकूल उपायों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना आवंटित करते समय अग्रिम प्रीमियम की दर को 20 लाख रुपये से घटाकर महज एक लाख रुपये प्रति मेगावॉट किया गया है और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए भूमि पट्टे की दर एक रुपया प्रति वर्ग मीटर से भी कम है।
उन्होंने कहा, पहले से ही बिजली पैदा कर रही परियोजनाओं के अलावा आवंटित परियोजनाओं से राज्य सरकार की प्रारम्भिक 12 वर्षो के लिए रॉयल्टी को स्थगित कर दिया गया है और यह अगले 28 वर्षो के दौरान प्राप्त की जा सकती है। भविष्य में आवंटित परियोजनाओं के मामले में अनुबन्ध अवधि के दौरान 12 प्रतिशत नि:शुल्क बिजली समान रूप से एकत्र की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार ने बिजली बेचने के सम्बन्ध में बिजली उत्पादकों की मुख्य समस्या का भी समाधान कर लिया है। हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड 25 मेगावॉट तक की सभी जल विद्युत परियोजनाओं से एक निश्चित दर पर बिजली खरीदेगा। बिजली की दरें जिन्हें अनुबन्ध के क्रियान्वयन की तिथि से निर्धारित किया जाता था, को अब वाणिज्यिक संचालन की तिथि से तय किया जाएगा।
ठाकुर ने कहा, राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को भी बढ़ावा देने की इच्छुक है और स्पीति क्षेत्र में पहले ही 1000 मेगावॉट सौर पार्को की पहचान की जा चुकी है और निकट भविष्य में 200 मेगावॉट क्षमता की विभिन्न परियोजनाएं भी प्रस्तावित हैं।
उन्होंने बताया, राज्य में कुल 27000 मेगावॉट जलविद्युत दोहन की क्षमता है, जो समूचे देश का एक-चौथाई है, जिसमें से 10547 मेगावॉट का 151 परियोजनाओं के माध्यम से दोहन किया जा चुका है। इसके अलावा, 2395 मेगावॉट क्षमता की 63 परियोजनाएं निमार्णाधीन हैं, 8000 मेगावॉट क्षमता की 770 परियोजनाओं का आवंटन किया जा चुका है, जबकि 2100 मेगावॉट की बड़ी परियोजनाओं का शीघ्र आवंटन किया जाएगा।