स्वच्छ दुनिया के लिए मोदी का 4पी मंत्र
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता पर दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन बन गया है। मोदी ने स्वच्छ दुनिया के लिए 4पी का एक मंत्र भी दिया।
चार दिवसीय गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन के समापन सत्र में उन्होंने अपने संबोधन में कहा, राजनीतिक नेतृत्व, सार्वजनकि धन, साझेदारी और लोगों की भागीदारी दुनिया को स्वच्छ बनाने के चार मंत्र हैं।
मोदी ने कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी से प्रेरणा ली और आंदोलन की शुरुआत करते हुए उनके दिशानिर्देशों का पालन किया।
मोदी ने यह बात गांधीजी की उस टिप्पणी पर की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आजादी से ज्यादा स्वच्छता को प्राथमिकता देंगे।
मोदी ने कहा, आज, मुझे बहुत गर्व है कि 125 करोड़ लोगों का हमारा देश गांधीजी के पदचिन्हों पर चल रहा है और स्वच्छ भारत मिशन दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन बन गया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने लोगों के व्यवहार में परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि 2014 में ग्रामीण स्वच्छता 38 फीसदी थी, जो बढ़कर अब 94 फीसदी हो गई है।
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के बाद भारत के लोगों की जीवनशैली में आए बदलावों पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा, पांच लाख गांव और 25 राज्य खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित 17 सतत विकास लक्ष्यों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को आश्वस्त किया कि भारत इन लक्ष्यों को हासिल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा, हम लक्ष्य निर्धारित किए जाने से पहले ही इसे हासिल करने की ओर अग्रसर हैं। स्वच्छता के साथ हमारी सरकार पोषण पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
सभा को संबोधित करते हुए गुटेरेस ने स्वच्छता को प्राथमिकता देने के लिए मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि स्वच्छ भारत महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा, जब बात सुरक्षित, स्वच्छता की आती है तो महात्मा गांधी अपने समय में काफी आगे थे, जैसा कि वह तमाम सारे क्षेत्रों में आगे थे। उन्होंने प्रत्येक के लिए स्वच्छता के अधिकार की मांग की। और उन्होंने प्रत्येक से उस अधिकार के लिए सम्मान की मांग की। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन का निर्माण मानव सम्मान की उनकी प्रतिभा व आजीवन खोज पर हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने कहा कि गंदगी और खुले में शौच से महिलाओं व लड़कियों पर असंगत प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा, शौचालय की सुविधाओं और मासिक धर्म सामग्री तक पहुंच में कमी के कारण उन्हें उत्पीड़न और अगवा किए जाने के जोखिम का सामना करना पड़ता है, इससे उनकी आवाजाही की स्वतंत्रता के निजी अधिकार पर बंदिशें लगती हैं और स्वास्थ्य जोखिमों का खतरा बढ़ता है। लड़कियां अपने स्कूलों में सुरक्षित, साफ, निजी शौचालयों के लिए इंतजार नहीं कर सकतीं। और महिलाओं को सार्वजनिक जगहों और कार्यस्थलों पर शौचालयों के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए स्वच्छता के मुद्दे से निपटने की तत्काल जरूरत है, जो कि भारत में हो चुका है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने सरकार, नीति निर्माताओं को प्रत्येक स्तर पर और एक समान लक्ष्य की ओर कार्य करने में मदद की है।
उन्होंने कहा, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि इतने सारे मंत्री और विभाग स्वच्छता के लिए एक छत के नीचे आए हों। जिस तरीके से यह मिशन लागू किया गया, यह लक्ष्य और नीतियों के अभिसरण का सही मॉडल था।