IANS

हिमाचल : भारतीय वायुसेना का 5 दिवसीय बचाव अभियान समाप्त (

शिमला, 29 सितंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में पांच दिन तक चला वायुसेना का बचाव अभियान शनिवार को समाप्त हो गया। इस दौरान वायुसेना ने व्यापक पैमाने पर पर्यटकों सहित 252 लोगों को बर्फीले इलाके से सकुशल एयरलिफ्ट किया। वहीं सड़क मार्ग के जरिए 4,770 लोगों को बचाया गया। बचाए गए लोगों में जर्मनी, नार्वे, डेनमार्क और नेपाल के लोग शामिल हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में भारतीय बच्चे व महिलाओं को भी बचाया गया।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राहत अभियान की स्थिति की ताजा समीक्षा के बाद भारत सरकार के दिशानिर्देश पर वायुसेना के बचाव अभियान को समाप्त कर दिया गया है।

राज्य के जनजातीय विकास मंत्री राम लाल मरक डेय ने पत्रकारों से कहा कि हालिया बर्फबारी से सेब की 80 प्रतिशत फसल और 90 प्रतिशत तक बिजली आपूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई है। पूरे लाहौल-स्फीति में बिजली आपूर्ति सामान्य होने में 10 दिनों का समय लगेगा।

यहां अपने परिवार के साथ फंसे चंडीगढ़ के एक पर्यटक ने आईएएनएस को बताया, हम बिना भोजन-पानी के बीते तीन दिनों से बरलच्छा दर्रे के पास फंसे हुए थे। अंतत: बचावकर्मियों की एक टीम आई और हमें व अन्य लोगों को बचाया गया। ये लोग हमें पास के सैन्य शिविर में ले गए और वहां से आईएएफ ने हमें एयरलिफ्ट कर नई जिंदगी दी।

कुल्लू के उपायुक्त यूनुस खान ने आईएएनएस को बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो राहत अभियान को और कुछ दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, समीक्षा के मुताबिक, सभी पर्यटकों को या तो सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है या फिर वे सुरक्षित जगह चले गए हैं। कुछ फंसे लोग अपने वाहनों को छोड़ यहां से जाना नहीं चाहते हैं, इसलिए जब तक सड़कें वाहन चलाने लायक होंगी, वे यहीं रुकेंगे।

खान ने कहा कि बचाव अभियान को तीन प्रारूपों में अंजाम दिया गया।

सबसे पहले, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) पर्यटकों को ज्यादा खतरे वाली जगहों से हेलीकॉप्टर से निकाल रही थी।

दूसरा, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सड़क मार्ग से लोगों को बचा रहा था और तीसरा स्थानीय प्रशासन, आईएएफ और बीआरओ दोनों को लोगों को बचाने में लॉजिस्टिक मदद प्रदान कर रहा था।

उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रा और बारालाचा दर्रे से बर्फ साफ करने के लिए काम अंतिम चरण में है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close