तारिक अनवर का राकांपा, लोकसभा से इस्तीफा (राडंडअप)
कटिहार, 28 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक नेताओं में से एक और कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने शुक्रवार को पार्टी और लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। तारिक ने कहा कि उन्होंने पार्टी प्रमुख शरद पवार द्वारा राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के बयान से असहमत होने के कारण यह कदम उठाया है। उन्होंने यहां मीडिया से कहा, मैं राकांपा और यहां तक कि लोकसभा सदस्यता से भी इस्तीफा देता हूं, क्योंकि मैं राफेल सौदे में मोदी को समर्थन देने वाले शरद पवार के बयान से पूरी तरह असहमत हूं।
पवार ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि लोग निजी स्तर पर इस मामले में मोदी की संलिप्तता के बारे में सोचते हैं, जिसपर पार्टी के महासचिव अनवर ने कहा, प्रधानमंत्री पूरी तरह से राफेल सौदे में संलिप्त हैं।
अनवर के निर्णय के बाद पार्टी ने कहा कि उनका निर्णय ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है, जबकि पवार की बेटी और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि प्रधानमंत्री पर राकांपा प्रमुख का बयान और राफेल सौदे को गलत समझा गया, क्योंकि वास्तव में उन्होंने इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) से जांच की मांग की है।
तारिक अनवर (67) को 1999 में पवार और पी.ए. संगमा के साथ सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाने पर कांग्रेस से बाहर कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि वह निजी तौर पर पवार की इज्जत करते हैं, लेकिन महसूस करते हैं कि मोदी के पक्ष में उनके द्वारा दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
कटिहार के सांसद ने कहा, मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं और पार्टी व संसद की सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
अनवर ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें राजनीति में अपने नैतिक पक्ष को साबित करने के लिए यह निर्णय लेना पड़ा है।
उन्होंने कहा, मैं लोगों से एक बात कह रहा हूं और दूसरा पक्ष नहीं ले सकता।
अनवर के इस्तीफे के बाद लोकसभा में राकांपा सांसदों की संख्या घटकर छह रह गई है।
राज्यसभा के एक बार और कई बार लोकसभा के सदस्य रहे अनवर ने कहा कि वह किसी भी पार्टी में शामिल होने से पहले अपने समर्थकों से बातचीत करेंगे।
उनके इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि अनवर का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है और महसूस करते हैं कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ वार्ता किए बिना जिस तरह से पार्टी छोड़ी, यह सही नहीं है।
उन्होंने कहा, हम आश्चर्यचकित हैं, लेकिन दुखी भी हैं। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अनवर जो कि पार्टी के जन्म के समय से साथ रहे और इसके संस्थापक थे..आप अचानक छोड़कर चले गए और पार्टी नेतृत्व से चर्चा किए बगैर, यह सहीं नहीं है।
पवार के बयान का भाजपा प्रमुख अमित शाह ने स्वागत किया और ‘दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने के लिए’ उनकी सराहना की थी।
इसबीच सिलसिलेवार ट्वीट में सुले ने कहा कि यह निराशाजनक है कि पवार द्वारा साक्षात्कार में राफेल विमान सौदे के संबंध में उठाए गए मामले को दरकिनार कर दिया गया।
उन्होंने कहा, यह निराशाजनक है कि लोगों ने पवार को नहीं सुना..जहां उन्होंने स्पष्ट तौर पर तीन प्रश्न उठाए। पहला, विमान के दाम में 526 करोड़ रुपये से 1670 करोड़ रुपये की 300 प्रतिशत की वृद्धि का क्या औचित्य है, जिससे राजकोष को काफी घाटा हो सकता है।
पवार की बेटी व लोकसभा सांसद ने कहा, दूसरा, अगर ऐसे संदेह उठे और सरकार पूरी तरह आश्वस्त है तो, वे लोग जेपीसी गठित करने को लेकर पीछे क्यों हट रहे हैं। तीसरा, जब भाजपा बोफोर्स मामले में दोनों कीमत व ब्योरे को लेकर सवाल उठाती है, तो फिर क्यों वे लोग समझौते की गोपनीयता के पीछे कृत्रिम प्रमाणिकता पेश कर रहे हैं और साथ ही वाणिज्यिक व ऑफसेट समझौते को छिपा रहे हैं।