एसएससी मुख्यालय के बाहर सुमित के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित
नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| मेधावी नौजवान सुमित (29) की खुदकुशी से व्यथित युवा-हल्लाबोल की टीम ने यहां शनिवार को सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एसएससी मुख्यालय के बाहर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों ने श्रद्धांजलि सभा में प्रण लिया कि देश में अब और सुमित नहीं बनने दिया जाएगा। ज्ञात हो कि झारखंड के गिरिडीह के रहने वाले सुमित कुमार ने सीजीएल 2016 की परीक्षा पास की थी और आयकर निरीक्षक के पद पर उनका चयन हुआ था। लेकिन अगस्त 2017 में चयन हो जाने के बाद से वह लगातार अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे। साल भर से भी ज्यादा समय से नियुक्ति पत्र न मिलने से सुमित ने मानसिक दबाव और अवसाद के कारण आत्महत्या कर ली।
यहां जारी बयान के अनुसार, सरकारी नौकरियों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ युवा-हल्लाबोल आंदोलन ने सुमित की दुखद मृत्यु पर घोर निराशा जाहिर करते हुए कहा है कि 29 वर्ष का एक पढ़ा-लिखा नौजवान एसएससी की लापरवाही और सरकार की उदासीनता के कारण खुदकुशी कर लेता है।
गौरतलब है कि युवा-हल्लाबोल ने इसी वर्ष मार्च महीने में एसएससी में हुई धांधलियों के खिलाफ व्यापक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया था। आज युवा हल्लाबोल देश भर में प्रतियोगी परीक्षाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं की एक महत्वपूर्ण आवाज और कारगर आंदोलन के रूप में उभरा है।
युवा हल्लाबोल का नेतृत्व कर रहे अनुपम ने श्रद्धांजलि सभा में कहा, क्या हमारा देश अब किसानों की खुदकुशी के साथ-साथ नौजवानों की खुदकुशी का दर्द भी झेलेगा? बेरोजगार युवाओं को सपने बेचकर प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी क्या इसपर एक शब्द भी बोलेंगे?
अनुपम ने कहा, एसएससी जैसे चयन आयोग कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) के अंतर्गत आते हैं, जिसका सीधा कार्यभार मोदी जी ने अपने पास रखा हुआ है, जितेंद सिंह तो सिर्फ राज्यमंत्री हैं। लेकिन दुख की बात यह कि हर छोटे-बड़े मसले पर ट्वीट करने वाले प्रधानसेवक ने अपने मंत्रालय से जुड़े मामले पर चुप्पी साध रखा है।
अनुपम ने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द अधर में लटकी सभी नियुक्तियों को पूरा करके बेरोजगार युवाओं का मानसिक उत्पीड़न बंद करे।