मेहनत करना, पसीना बहाना अच्छा लगता है : साजन (साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| जूनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने साजन भानवाल का मानना है कि इस खेल में पसीना बहाना उन्हें अच्छा लगता है।
20 वर्षीय साजन ने हाल ही में स्लोवाकिया के तरनावा में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में 77 किग्रा ग्रीको रोमन वर्ग में रजत पदक अपने नाम किया है। उन्होंने इसी साल जुलाई में जूनियर एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। साजन ग्रीको रोमन में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं।
साजन ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा कि घर वालों ने उन्हें पढ़ाई करने के लिए भेजा था, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से इस खेल को चुना है और इसी कारण उन पर खुद को साबित करने का दबाव रहता है।
उन्होंने कहा, घरवालों ने मुझे पढ़ाई करने के लिए भेजा था, लेकिन जब मैंने पहली बार इस खेल में हिस्सा लिया तो मुझे एक अलग ही अनुभव मिला। कुश्ती में आने का मेरा खुद का फैसला था क्योंकि इसमें मेहनत करना और पसीना बहाना मुझे अच्छा लगता है।
साजन को जूनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के फाइनल में रूस के इस्लाम ओपिएव से 0-8 से हार का सामना करना पड़ा।
साजन का कहना है कि करियर के शुरुआती दिनों से ही उन्हें अपने कोच और सीनियर पहलवानों से काफी अच्छा सहयोग मिला रहा है जिसके कारण उन्होंने ये पदक जीते हैं।
हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले पहलवान ने पिछले साल फिनलैंड में विश्व कुश्ती जूनियर चैम्पियनशिपमें भी कांस्य पदक जीता था।
युवा पहलवान ने कहा, विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने से पहले मैंने अपने कोच ओमप्रकाश दहिया और सीनियर राजबीर छिक्कारा के साथ मिलकर काफी अभ्यास किया था। जब मैं पदक जीतकर वापस स्वदेश लौटा, तो उन्होंने मेरा जोरदार स्वागत किया। जब आपके कोच और सीनियर, आपका स्वागत करे, तो इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आप लगातार अच्छा करने के लिए प्रेरित होते हैं।
रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई कर रहे साजन ने कहा कि देश के लिए लगातार पदक जीतने उनके लिए गर्व की बात है और देश को आगे भी गौरवान्वित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य सीनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप पर है, जहां से वह टोक्यो-2020 ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, सीनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप एक ओलम्पिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट भी है और इसमें पहले छह स्थान पर रहने वाले पहलवान टोक्यो ओलम्पिक में खेलने का कोटा हासिल कर लेंगे। स्लोवाकिया से लौटने के बाद से ही मैंने तैयारी शुरू कर दी है। मुझे उम्मीद है कि विश्व चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर मैं टोक्यो जाऊंगा और देश के लिए फिर से पदक जीतकर लाऊंगा।
सीनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप का आयोजन 22 से 28 अक्टूबर तक हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित होनी है।
साजन ने यहां तक पहुंचने के अपने सफर को बयां करते हुए कहा, शुरू में तो हर खेल में दिक्कतें आती हैं। लेकिन जैसे-जैसे मैं अच्छा करता गया, वैसे मुझे सभी से सहयोग मिलता गया। मैंने अभी भी अपनी पढ़ाई जारी रखा है। पढ़ाई के साथ साथ ट्रेनिंग के लिए समय निकालना थोड़ा मुश्निल होता है। लेकिन मैं पढ़ाई के साथ-साथ ट्रेनिंग भी करता हूं और अब मुझे सीनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में इस ट्रेनिंग का फायदा उठाना है।