IANS

पांडिचेरी फिल्मोत्सव में 100 से अधिक फिल्में प्रदर्शित होंगी

नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| पांडिचेरी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2018 (पीआईएफएफ) के पहले संस्करण में 100 से अधिक फिल्में प्रदर्शित होंगी। इसमें 3 का वल्र्ड प्रीमियर, 11 का इंडिया प्रीमियर और 5 की स्पेशल स्क्रीनिंग शामिल हैं।

‘बर्लिनेल 2017’ में सिल्वर बीयर ग्रैंड जूरी पुरस्कार विजेता एलेन गोमिस द्वारा निर्देशित ‘फेलेसाइट’ के साथ 25 सितम्बर को उत्सव की शुरुआत होगी। उत्सव की आखिरी फिल्म दरिया गायकालोवा द्वारा निर्देशित और अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित ‘तीन और आधा’ होगी।

फिल्मोत्सव का उद्घाटन पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणस्वामी द्वारा अलायंस फ्रेंचाइज डी पांडिचेरी में 26 सितम्बर को किया जाएगा जिसके बाद चेझियां की नेशनल अवार्ड विनर तमिल फिल्म (2018) ‘टु लेट’ की स्क्रीनिंग होगी।

उत्सव का आयोजन इंडी सिनेमा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पिकरफ्लिक द्वारा पुडुचेरी टूरिज्म की भागीदारी में किया जाएगा। इसमें सिनेमा पैराडाइजो (औरोविले) एंड औरोफिल्म (ऑरोविले), जे एन ऑडिटोरियम, पांडिचेरी यूनिवर्सिटी की भागीदारी में अलायंस फ्रेंचाइज डी पांडिचेरी, मल्टीमीडिया सेंटर ऑडीटोरियम में आयोजित किया जाएगा।

पीआईएफएफ के मुख्य आकर्षण में अतानु घोष द्वारा निर्देशित और प्रसनजीत एवं सौमित्र चटर्जी द्वारा अभिनीत बांग्ला फिल्म ‘मयूराक्षी’, लोकेश राजावेल की ‘माय सन इज गे’, सगनिक चटर्जी द्वारा निर्देशित ‘फेलूदा : 50 ईयर्स ऑफ रेज’, ‘निखिल मंजू की 2017 की नेशनल अवार्ड विजेता कन्नड़ फिल्म ‘रिजर्वेशन’, अभया सिम्हा की 2018 की नेशनल अवार्ड विजेता टूलू फिल्म ‘पद्दयी’, कबीर सदानंद द्वारा निर्देशित जिमी शेरगिल की लघु फिल्म ‘पापा आई लव यू’ शामिल हैं।

फ्रांस की समकालीन महिला फिल्म निर्माताओं द्वारा फिल्मों की विशेष स्क्रीनिंग होगी जिसमें मिया हेनसेन-लव की ईडन, जूलिया कोवैस्की की रेजिंग रोज (क्रेच काउर), रेबेका ज्लोटोवस्की की ग्रैंड सेंट्रल, इमैनुअल बरकोट की स्टैंडबाई टॉल (ला टेटे हाउते) और वलेरिया ब्रूनी-टेडेशी की ए कैसल इन इटली (उन चटेउ एन इताली) शामिल हैं।

पीआईएफएफ 2018 में फीचर फिल्मों, लघु फिल्मों और डॉक्यूमेंटरी का विविध समावेश होगा जिनमें भारत, फ्रांस, इटली, ईरान, अमेरिका, बेल्जियम, बुल्गारिया, आस्ट्रेलिया, तुर्की, वेनेजुएला, रूस, लेबनान, ऑस्ट्रिया, चीन और कोस्टारिका तथा जापान से फिल्में शामिल होंगी।

नेशनल अवार्ड विजेता फिल्म समीक्षक एवं फेस्टिवल निदेशक सैबाल चटर्जी ने कहा, भारत और शेष दुनिया से कुछ बेहद खास एवं स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के कार्य को एक ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करना हमारे लिए बेहद उत्साहजनक है जो हमेशा से संस्कृतियों और परंपराओं का संगम रहा है।

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