बांध पुनर्वासन परियोजना की संशोधित लागत स्वीकृत
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बांध पुनर्वासन व सुधार परियोजना (डीआरआईपी) के लिए अनुमानित लागत की संशोधित राशि 3,466 करोड़ रुपये को मंजूरी प्रदान की। एक अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना में विश्व बैंक की ओर से वित्तीय सहायता का एक बड़ा हिस्सा होता है। आधिकारिक बयान के अनुसार, परियोजना की मूल अनुमानित लागत 2,100 करोड़ रुपये थी।
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने 3466 करोड़ रुपये की संशोधित लागत पर बांध पुनर्वासन और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) के संशोधित लागत अनुमान को अपनी मंजूरी प्रदान की।
बयान के अनुसार, 198 बांधों की सुरक्षा और संचालन प्रदर्शन में सुधार तथा व्यापक प्रबंधन प्रणाली के साथ संस्थागत मजबूती के लिए विश्व बैंक वित्तीय सहायता देगा। 3466 करोड़ रुपये की परियोजना में 2628 करोड़ रुपये विश्व बैंक देगा और 747 करोड़ रुपए डीआरआईपी राज्य/कार्यान्वयन एजेंसियां और शेष 91 करोड़ रुपये केन्द्रीय जल आयोग देगा।
सीसीईए ने पूर्व प्रभाव से एक जुलाई, 2018 से 30 जून, 2020 तक दो वर्ष के लिए समय विस्तार की स्वीकृति भी दी है।
मूल रूप से डीआरआईपी की कुल लागत 2100 करोड़ रुपये थी, जिसमें राज्य का हिस्सा 1968 करोड़ रुपये और केंद्र का हिस्सा 132 करोड़ रुपये था। प्रारंभ में यह परियोजना छह वर्ष की अवधि की थी। यह 18 अप्रैल, 2012 से प्रारंभ हुई और इसकी समाप्ति अवधि 30 जून, 2018 थी।
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय तथा विश्व बैंक द्वारा 2017 में सिद्धांत रूप में 30 जून, 2020 तक परियोजना समाप्ति की संशोधित तिथि के साथ परियोजना क्रियान्वयन का विस्तार दो वर्षों के लिए किया गया।