जेसीबी साहित्य पुरस्कार के लिए 10 उपन्यास नामित
मुंबई, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| साहित्य के जेसीबी पुरस्कार के लिए 10 उपन्यासों की बुधवार को घोषणा की गई। इन दस उपन्यासों में से जूरी सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को चुनेगी, जिसे 25 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
इसके अलावा शार्टलिस्ट पांच उपन्यासों के लेखकों को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे। शार्टलिस्ट किए गए पांच लेखकों में अगर विजेता उपन्यास अनुवादित है तो अनुवादक को पांच लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। इस पुरस्कार के लिए 31 मई, 2018 तक प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थीं। उनका मूल्यांकन करने के बाद जूरी ने एक लंबी सूची जारी की है, जो भारतीय लेखकों द्वारा समकालीन साहित्य की महान विविधता को प्रदर्शित करती है। यह पुरस्कार 27 अक्टूबर को दिए जाएंगे।
पुरस्कारों के लिए 19 राज्यों के लेखकों की ओर से प्रविष्टियां जमा कराई गईं। इनमें से 22 अनुवादित उपन्यास थे, जिनका अंग्रेजी से सात भारतीय भाषाओं असमिया, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, तमिल और तेलुगू में अनुवाद किया गया था। 35 प्रविष्टियां महिला लेखकों की ओर से आईं। जूरी सदस्यों में पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक दीपा मेहता (अध्यक्ष), उद्यमी और स्कॉलर रोहन मूर्ति, येल यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोफिजिसिस्ट एवं लेखिका प्रियंवदा नटराजन, उपन्यासकार विवेक शानबाग और लेखक एवं अनुवादक अर्शिया सत्तार शामिल हैं।
साहित्य के लिए 2018 के जेसीबी पुरस्कार के लिए चुनिंदा सूची में अमिताभ बागची द्वारा लिखित ‘हॉफ द नाइट इज गोन’ (जगर्नोट बुक्स), चंद्रहास चौधरी की ‘क्लाउड्स’ (सिमोन एंड शूस्टर इंडिया), बेनी डेनियल/बेन्यामिन की ‘जैसमिन डेज’ (जगर्नोट बुक्स),पेरुमल मुरुगन की ‘पूनाची’ (वेस्टलैंड पब्लिकेशन), किरण नागरकर की ‘जसोदा’ (हार्परकोलिन्स पब्लिशर्स इंडिया), अनुराधा रॉय की ‘ऑल द लाइव्स वी नेवर लिव्ड’ (हैचटे बुक्स पब्लिशिंग), नयनतारा सहगल की ‘व्हेन द मून शाइन्स बाय डे’ (स्पीकिंग टााइगर पब्लिशिंग), शुभांगी स्वरूप की ‘लैटीट्यूड्स ऑफ लॉन्गिंग’ (हार्परकोलिन्स पब्लिशर्स इंडिया), देवी यशोदरन की ‘एंपायर’ (जगर्नोट बुक्स) शामिल है।
इनमें से दो उपन्यास अनुवादित हैं, ‘पूनाची’ या ‘स्टोरी ऑफ अ ब्लैक गोट’, जिसे तमिल में लिखा गया है और उसका अंग्रेजी में अनुवाद एन. कल्याण रमन ने किया है। ‘जैसमिन डेज’ मूल रूप से मलयालम में बेन्यामिन द्वारा लिखी गई है, जिन्हें बेनी डेनियल के नाम से भी जाना जाता है और इसका अनुवाद अमेरिका की कवयित्री एवं लेखिका शहनाज हबीब ने किया है।
इस सूची में पहली बार उपन्यास लिखने वाली दो लेखिकाएं शुभांगी स्वरूप (लैटीट्यूड्स ऑफ लॉन्गिंग) और देवी यशोदरन (एंपायर) भी शामल हैं।
सूची जारी करते हुए जूरी ने कहा, हमने पुरस्कार के लिए प्राप्त सभी प्रविष्टियों को पढ़ा है। हमने 19 राज्यों के लेखकों द्वारा आठ भाषाओं में लिखी गई किताबों को पढ़ा। हमने भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं, भूमि, जल और पारिस्थितिकी के विषयों पर बढ़ते ध्यान तथा साइंस फिक्शन जैसी शैलियों में कुछ रोचक प्रयोगों पर गौर किया। हम आने वाले वर्षों में लिटरेरी फिक्शन में इन प्रवृत्तियों के विकसित होने की उम्मीद करते हैं।
2018 के लिए चुनी गई सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संस्थान के लिटरेरी डायरेक्टर राणा दासगुप्ता ने कहा, पुरस्कार भारतीय लेखकों द्वारा विशिष्ट फिक्शन का जश्न मनाता है। यह लंबी सूची समकालीन भारतीय साहित्य की विविधता और व्यापकता का एक असली उत्सव है। मुझे विशेष खुशी है कि इस सूची में दो प्रभावशाली अनुवाद और दो नवोदित लेखक शामिल हैं। मुझे आशा है कि यह पुरस्कार भारत और दुनिया भर के पाठकों को यह जानने में मदद करेगा कि आज यहां उपन्यास कितने जीवंत और महत्वाकांक्षी तरीके से लिखे जा रहे हैं।