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पदक विजेताओं, युवा प्रतिभाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी : केजरीवाल

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए जल्द ही दो नीतियां तैयार करेंगी। इन दो नीतियों के तहत सरकार पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और शुरुआती दिनों में युवा प्रतिभा के रूप में पहचाने जाने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता देगी।

केजरीवाल ने इन नीतियों की घोषणा जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले 11 खिलाड़ियों को राजधानी दिल्ली में सम्मानित करने के दौरान की।

मुख्यमंत्री ने कहा, आप सभी ने अपने परिवार के साथ-साथ इस देश और दिल्ली को गैरवांन्वित किया है। आप में से कई खिलाड़ी कठिन परिस्थितियों से जूझ चुके हैं। आपने वित्तीय समस्याओं और सुविधाओं की कमी का सामना किया है। आपका प्रयास अतुलनीय है।

केजरीवाल ने कहा, आप सभी उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हम स्कूलों में जाकर बच्चों को आपके नक्शे कदम पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।

मुख्यमंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि पहली नीति का नाम ‘प्ले एंड प्रोग्रेस’ होगा और इसके तहत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने जीवन में एक बार पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय और खेल संबंधी सुविधाएं दी जाएंगी।

इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विशेषज्ञों की समिति तैयार की जाएगी, जिसमें दिग्गज खिलाड़ी और अन्य अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति हर मामले में दी जाने वाली वित्तीय और खेल संबंधी सुविधाओं के लिए फैसला लेगी।

दूसरी नीति को ‘मिशल एक्सिलेंस’ नाम दिया जाएगा और यह नीति युवावस्था में प्रतिभाओं की खोज पर ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि उभरते खिलाड़ियों को उनके खेल में उत्तीर्ण बनाए जाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को दिए जाने वाले नकद पुरस्कार में इजाफा किया है। ऐसे में दिल्ली सरकार एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपये देगी। इसके अलावा, रजत पदक विजेताओं को 75 लाख रुपये, तथा कांस्य पदक विजेताओं को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इससे पहले स्वर्ण पदक वालों को 20 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 14 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 10 लाख रुपये दिए जाते थे।

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