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आज देश को समर्पित शिक्षकों की जरूरत : आनंद कुमार

पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)| चर्चित शिक्षण संस्थान ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार ने यहां मंगलवार को कहा कि देश को नैसर्गिक ज्ञान से परिपूर्ण शिक्षकों की कमी से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में सभी नौकरी पेशों में शिक्षक बनना सर्वश्रेष्ठ है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो एक शिक्षक ही अन्य नौकरी पेशों में जाने वाले लोगों को गढ़ने का काम करता है। पटना में ‘शिक्षक दिवस’ के पूर्व-संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में आनंद ने कहा, वैसे शिक्षक अब कहां हैं जिन्होंने राजेंद्र प्रसाद जैसी प्रतिभा को अपनी ज्ञान सरिता दी थी। कहां हैं वे शिक्षक जनके सान्निध्य में जवाहरलाल नेहरू, गांधी और डॉ़ ए़ पी़ ज़े अब्दुल कलाम जैसे विद्वान पैदा हुए और जिन्होंने रामानुजन जैसे महान गणितज्ञ को जमीन पर उतारा।

आनंद ने बताया कि इन विभूतियों को बनाने वाले भी आम शिक्षक ही थे, जिन्होंने आईआईटी, एमबीए नहीं किया था। आज ऐसे शिक्षकों की कमी पूरे देश में चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि आज के शिक्षकों में वैसी प्रतिबद्धता की कमी है। आज शिक्षकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती समाज और देश के कल को बेहतर बनाने की है। आनंद ने हालांकि यह भी स्वीकार करते हुए कहा कि ऐसे प्रतिबद्ध लोगों की समाज में कमी नहीं है, लेकिन वैसे लोगों को सबसे आगे लाने की जरूरत है।

उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को कुम्हार के उदाहरण के जरिये समझाते हुए कहा कि शिक्षकों की स्थिति कुम्हार की चाक और गीली मिट्टी से समझा जा सकता है। कुम्हार मिट्टी से ‘राम’ बना ले या ‘रावण’ बना दे, यह उसके हाथ में रहता है।

आनंद ने कहा कि आज के बच्चे बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस यहां तक कि नेता बनने तक का सपना देखते हैं, मगर कोई बच्चा शिक्षक बनना नहीं चाहता।

उन्होंने कहा, आज की तारीख में शिक्षक का पेशा लोगों को नीरस लगने लगा है। आज इस भौतिकतावादी दौर में लोगों की मंजिल पैसे पर ही आकर खत्म होती है। अभिभावकों की सोच है कि अगर किसी का बेटा शिक्षक बनेगा तो उसे क्या मिलेगा। इंजीनियर व अन्य पेशे में जहां लाखों रुपये के पैकेज की डील होती है, वहीं शिक्षकों के लिए आज भी अच्छी तनख्वाह एक स्वप्न जैसा है।

उन्होंने कहा कि सरकार को ये हालात बदलने होंगे। लोगों की सोच और शिक्षा के प्रति लोगों के रुझान को और भी बढ़ाना होगा, तभी हमारे समाज में प्रतिभाशली लोग शिक्षक बनने के लिए प्रेरित होंगे। शिक्षकों के लिए भी एक उचित माहौल विकसित करने की है तभी देश में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनेगा।

उल्लेखनीय है कि आनंद पर एक बायोपिक फिल्म बन रही है, इसलिए इन दिनों वे चर्चा में हैं। इस बायोपिक में आनंद की भूमिका ऋतिक रोशन निभा रहे हैं। विकास बहल द्वारा निर्देशित यह फिल्म 25 जनवरी, 2019 को रिलीज होने वाली है।

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