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कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी मानवाधिकारों का उल्लंघन : एनएचआरसी

नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर पुणे पुलिस द्वारा मंगलवार को देशभर में छापेमारी कर पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी करने के संबंध में रपट मांगी।

एनएचआरसी ने कहा कि स्थापित प्रकियाओं का उल्लंघन करते हुए गिरफ्तारी की गई, इसलिए यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। आयोग ने चार सप्ताह के भीतर तथ्यात्मक रपट मांगी है।

मीडिया रपट के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस द्वारा इन गिरफ्तारियों में मानक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है, जिससे मानवाधिकारों उल्लंघन हो सकता है।

नोटिस मुख्य सचिव और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक दत्ता पदसालगिकर को भेजा गया है।

अपने मुद्दे को प्रमाणित करने के लिए आयोग ने उन रपटों का जिक्र किया, जिनके अनुसार दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा के ट्रांजिट रिमांड पर रोक लगा दी, क्योंकि पुलिस अदालत को संतोषप्रद ढंग से यह नहीं बता सकी कि उनकी गिरफ्तारी किस अपराध में की गई थी।

दूसरे उदाहरण का जिक्र करते हुए मानवाधिकार आयोग ने कहा कि वकील व कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज के विरुद्ध ट्रांजिट रिमांड का मामला फरीदाबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के पास लंबित है।

एनएचआरसी ने कहा, कार्यकर्ता ने अदालत को बताया कि कि उनका उस घटना से कोई लेना-देना नहीं है, जिसको लेकर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उनके अनुसार, एफआईआर में उनका नाम दर्ज नहीं है और उनको महज उनकी विचारधारा को लेकर गिरफ्तार कर परेशान किया जा रहा है।

एनएचआरसी ने इस प्रकार का एक नोटिस प्रदेश सरकार को 29 जून को भी जारी किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई रपट नहीं सौंपी गई।

सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वेरनॉन गोंसाल्वेस, अरुण फरेरा और कवि व कार्यकर्ता वरवर राव को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया।

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