प्रयाग कुंभ का साहित्य विदेशी भाषाओं में भी
लखनऊ, 19 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार अगले वर्ष प्रयाग में होने वाले कुंभ की ब्रांडिंग और ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने की मुहिम में जुट गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आला अधिकारी लगभग दो दर्जन भाषाओं (देशी एवं विदेशी दोनों) में कुंभ का साहित्य तैयार करवा रहे हैं। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को कुंभ से जोड़ना है।
शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुंभ की ब्रांडिंग के लिए सरकार लगभग दो दर्जन भाषाओं में कुंभ का साहित्य तैयार करवा रही है। इसके अलावा, कुंभ की ब्रांडिंग के लिए सरकार की तरफ से लगभग पांच करोड़ रुपये राज्य पर्यटन विभाग खर्च करेगा। इस बजट को सरकार की मंजूरी मिल गई है और इसमें से लगभग तीन करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है।
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पर्यटन विभाग, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के विदेशों में स्थित कार्यालयों की भी मदद करेगा।
इस संदर्भ में प्रयाग कुंभ के लिए राज्य पर्यटन विभाग के नोडल अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से कुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए 5.40 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा गया था। इसे सरकार ने मंजूर कर लिया गया है। इसकी पहली किस्त के तौर पर 3़.90 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं।
पर्यटन विभाग ने भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में कुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए साहित्य के प्रकाशन पर करीब 40 लाख रुपये खर्च करने का खाका तैयार किया है। इस तरह अखबारों, टेलीविजन, पत्रिकाओं, रेडियो एवं अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
अधिकारियों के मुताबिक, इसी तरह सोशल मीडिया पब्लिसिटी, प्रदर्शनी, रोड शो पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। विभाग का प्रयास यह होगा कि देश के कोने-कोने और विश्व के डेढ़ सौ से अधिक देशों तक कुंभ की व्यापकता का संदेश दिया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग यहां पहुंच सकें।
सूत्रों के मुताबिक, उप्र पर्यटन विभाग कुंभ संबंधी साहित्य छपवाकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेजेगा और वहां से विदेशों में स्थित कार्यालयों के माध्यम से इसे अधिक से अधिक देशों में पहुंचाया जाएगा। ऐसे कार्यालय चीन, ऑस्टेलिया सहित कई देशों में स्थित हैं और ये कार्यालय वहां से कुंभ आने के इच्छुक पर्यटकों की मदद कर सकते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, इसी तरह देश के सभी राज्यों के पर्यटन विभागों को भी कुंभ के लिए आमंत्रण भेजा जाएगा। इसके लिए अलग-अलग भाषाओं को साहित्य करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।