चुनाव आयोग ने एक साथ चुनाव कराने में असमर्थता जताई
नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)| भाजपा के ‘एक देश, एक चुनाव’ की पहल के बीच, चुनाव आयोग ने मंगलवार को वर्तमान संसाधनों और संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर विधानसभा और लोकसभा चुनावों को एकसाथ कराने की संभावना को लगभग खारिज कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत ने हालांकि कहा कि जब भी राज्य विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होगा, आयोग चुनाव कराने की अपनी जिम्मेदारी निभाती रहेगी।
रावत ने मीडिया से कहा, एक देश, एक चुनाव के मुद्दे पर, आयोग ने खुद ही 2015 में सुझाव दिए थे। सौ प्रतिशत वीवीपैट की उपलब्धता के संदर्भ में संसाधनों की सुविधा उपलब्ध कराना एक मुश्किल काम होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कुछ राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को बढ़ाना है तो इसके लिए भी संविधान में संशोधन करने की जरूरत होगी। इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस बल और मतदानकर्मियों की जरूरत होगी।
रावत ने कहा, जब भी राज्य विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होगा, आयोग चुनाव कराने की अपनी जिम्मेदारी को निभाता रहेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह बयान भाजपा द्वारा संसदीय और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने की पहल करने के बीच दिया है। इस बाबत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी सोमवार को कानून आयोग को पत्र भी लिखा था।