टिकाऊ बुनियादी ढांचा के लिए स्टेनलेस स्टील आवश्यक : अभ्युदय जिंदल
नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने सोमवार को कहा टिकाऊ बुनियादी संरचना बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया में सर्वाधिक तीव्र विकास दर से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। ऐसे में बुनियादी संरचनाओं को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। जिंदल यहां आयोजित ‘नेशनल समिट ऑन ट्रांसपोर्ट, हाईवेज एंड पोर्ट कनेक्टिविटी-2018’ में बोल रहे थे। कार्यक्रम में परिवहन, राजमार्ग और पत्तन जैसे बुनियादी अवसंरचनाओं में स्टेनलेस स्टील के इस्तेमाल पर चर्चा हुई।
कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि कार्यक्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सचिव युद्धवीर सिंह मलिक के अलावा, गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और तेलंगाना के परिवहन सचिव और आयुक्त भी पहुंचे थे। कार्यक्रम में वक्ताओं ने देश में विश्वस्तरीय बुनियादी अवसंरचना बनाने पर जोर दिया।
इस मौके पर पहुंचे विशेषज्ञों ने कहा कि स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल करने पर एक बस का वजन तकरीबन 400 किलोग्राम कम हो जाएगा और हल्की बसों में तेल की खपत कम होगी। इस तरह तेल की खपत घटने से यह न सिर्फ लागत कम करने में सहायक होगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी यह एक हितैषी कदम होगा।
उन्होंने कहा कि बसों में दुनियाभर में यात्री वाहनों में स्टीनलेस स्टील का इस्तेमाल हो रहा है, क्योंकि इससे बस ज्यादा टिकाऊ बन जाती है और तेल की खपत कम होने के साथ-साथ बसों के रखरखाव का खर्च घट जाता है।
जिंदल ने कहा कि स्टेनलेस स्टील के उपयोग पर लागत जरूर बढ़ जाएगी मगर उससे जो बचत होगी उसकी अगर गणना की जाए तो स्टेनलेस स्टील निर्मित बसें ज्यादा किफायती होंगी। उन्होंने कहा कि एक बस को स्टेनलेस स्टील से बनाने में लागत में 90,000 रुपये का इजाफा होगा, लेकिन उसकी आयु और ईंधन खपत और रखरखाव पर होने वाली बचत को देखें तो 15 साल में यह 13 लाख रुपये होती है। उन्होंने कहा कि इस तरह महज एक साल में लागत में हुई वृद्धि वसूल हो जाती है।