इडुक्की बांध के सभी 5 द्वार खोले गए
इडुक्की/तिरुवनंतपुरम, 10 अगस्त (आईएएनएस)| इडुक्की में लगातार भारी बारिश के चलते अधिकारियों को मजबूरन शुक्रवार अपराह्न इदमलयार बांध के शेष दो द्वार भी खोलने पड़े। भारी बारिश के चलते राज्य में हुई विभिन्न घटनाओं में मृतकों की संख्या 27 तक पहुंच गई है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ से ग्रस्त राज्य के अन्य हिस्सों में बारिश में कमी हुई है।
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन स्थिति पर बराबर नजर बनाए हुए हैं और अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। वह तिरुवनंतपुरम में अपने कार्यालय में रह रहे हैं और विभिन्न जिला प्रशासनों और केरल राज्य विद्युत बोर्ड के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए हुए हैं, जो बांध को नियंत्रित करते हैं।
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने फोन पर विजयन से बात की। दोनों ने हालात पर चर्चा की और केंद्र ने केरल को सभी संभावित सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
इडुक्की बांध के सभी पांच द्वार खोल देने से बाढ़ का पानी पेरियार झील की ओर जा रहा है, जिससे फसलों और संपत्तियों को भारी नुकसान हो रहा है।
बांध के पास स्थित चेरुथोनी शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
चूंकि इसके पहले बांध 1992 में खोला गया था, इसलिए नदी के तट पर काफी अतिक्रमण हो गया है। इस क्षेत्र में कृषि गतिविधियां होने लगी हैं और घर बन गए हैं।
एहतियात के तौर पर नदी के किनारे रहने वाले लगभग 200 परिवार पहले ही अपने घर खाली कर चुके हैं।
पानी एर्नाकुलम और त्रिशूर जिले के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए तैयार है और इन दो स्थानों में जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
बांध का जलस्तर गुरुवार को जब 2,399 मीटर के पार हो गया तो 26 वर्षों के अंतराल के बाद एक द्वार खोला गया था। शुक्रवार सुबह अधिकारियों को दो और द्वार खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि पानी का स्तर 2,401 मीटर तक पहुंच गया था।
लेकिन बांध के आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहने के कारण अधिकारियों को मजबूरन बाकी दो और द्वार भी खोलने पड़े।
अधिकारियों ने फैसला किया है कि सभी पांच द्वार खोलने का निर्णय निर्दिष्ट समय के लिए होगा।
राज्य के कई जिलों में राहत व बचाव कार्यों पहले से ही सेना जुटी हुई है। बुधवार से राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हुई है। गुरुवार तक 24 लोगों की मौत हुई थी, जबकि शुक्रवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई।
इससे पहले इडुक्की के रहने वाले केरल के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने मीडिया को यहां बताया कि इदमलयार बांध के दो और द्वार खोलने का फैसला जलस्तर को 2,403 मीटर तक पहुंचने से रोकने लिए लिया गया।
मणि ने कहा, यह कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि हम जल्द ही द्वार बंद करने की योजना बना रहे हैं। हमें विश्वास है कि स्थिति नियंत्रित की जा सकती है।
राज्य के राजस्व मंत्री ई.चंद्रशेखरन एनार्कुलम में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालात नियंत्रण में है। सेना की पांच टीमें इडुक्की, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम में नुकसान की भरपाई में जुटी हुई हैं।