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राज्य सरकार ने करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने की अनुमति नहीं दी थी जिसके बाद द्रमुक ने अदालत का रुख किया था और आखिरकार अदालत ने द्रमुक के पक्ष में फैसला सुनाया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हुलुवडी जी. रमेश और न्यायमूर्ति एस.एस. सुंदर ने द्रमुक और राज्य सरकार के वकीलों की दलील सुनने के बाद यह आदेश दिया। राज्य सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि मरीना बीच पर दफनाने से पर्यावरण कानूनों और तट के सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन होगा।
द्रमुक नेता व वकील कन्नदासन ने पत्रकारों से कहा कि अदालत ने राज्य सरकार से करुणानिधि के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने के लिए कहा है।