कपड़ा पर आयात शुल्क बढ़ने से घरेलू उद्योग को फायदा : सीआईटीआई
नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्साटाइल इंडस्ट्री के चेयरमैन संजय जैन ने मंगलवार को कहा कि कपड़ा पर आयात शुल्क दोगुना करने के सरकार के फैसले से घरेलू उद्योग को फायदा होगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक अहम फैसले में वस्त्र व परिधान के 328 मदों पर सीमा शुल्क दोगुना करते हुए 20 फीसदी कर दिया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने इस संबंध में एक अधिसूचना लोकसभा में पेश की। अधिसूचना के अनुसार, सीमा शुल्क अधिनियम 1962 की धारा 159 के तहत 328 वस्त्र उत्पादों पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।
पिछले महीने भी सरकार ने कुछ मदों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था, लेकिन उस समय बहुत सारे ऐसे उत्पादों पर आयात शुल्क नहीं बढ़ाया गया था, जिनका भारत ज्यादा आयात करता है। इसलिए घरेलू उद्योग की ओर से कई मदों पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की जा रही थी।
संजय जैन ने कहा कि सरकार के इस कदम से घरेलू कपड़ा उद्योग को फायदा होगा, क्योंकि सस्ता आयात होने से उद्योग की हालत खराब थी।
उन्होंने कहा, अभी हमने अधिसूचना नहीं देखी है और यह नहीं जान पाया है कि किन-किन मदों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है। मगर 328 मदों में तकरीबन वे सारे उत्पाद आ गए होंगे, जिनका आयात ज्यादा होता है।
जैन ने कहा, खासतौर से चीन से आने वाले सिन्थेटिक कपड़ों का आयात कम हो जाएगा। लेकिन सबसे ज्यादा कपड़ा बांग्लादेश से आता है, जिसपर आयात शुल्क का असर नहीं होगा, क्योंकि बांग्लादेश से साफ्ता के तहत शुल्क मुक्त व्यापार होता है।
उन्होंने कहा कि शुल्क बढ़ने से इंडोनेशिया, कोरिया समेत अन्य देशों से कपड़ा का आयात कम होगा।