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प्रवर समिति प्राचीन स्मारक विधेयक पर शीतकालीन सत्र में रपट सौंपेगी

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| राज्यसभा ने मंगलवार को अपनी प्रवर समिति को प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल अवशेष (संशोधन) विधेयक की रपट संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे हफ्ते में सौंपने की इजाजत दे दी। समिति को आठ अगस्त को इस विधयेक के संबंध में अपनी रपट सौंपनी थी।

प्रवर समिति की अगुवाई करने वाले भाजपा के विनय सहस्रबुद्धे ने रपट पेश करने के लिए समय की मांग का प्रस्ताव पेश किया।

सदन ने बाद में प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

विपक्ष की मांग के बाद विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया। विपक्ष ने कहा कि इसकी जांच की जरूरत है।

इस विधेयक को पिछले माह केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने ऊपरी सदन में पेश किया था, लेकिन इसे पास नहीं कराया जा सका था, क्योंकि कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किए और इसे प्रवर समिति के पास भेजे जाने की मांग की थी।

इस मांग का समाजवादी पार्टी, वाम दलों, द्रमुक, राजद और अन्य दलों ने समर्थन किया था।

प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल व अवशेष अधिनियम, 1958 को संशोधन करने वाला विधेयक इस वर्ष जनवरी में लोकसभा में पास हो गया था।

यह विधेयक संरक्षित धरोहर या क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे को एक ‘निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित करता है। इसके अंतर्गत कुछ हालातों को छोड़कर ऐसे क्षेत्रों में निर्माण कार्य की इजाजत नहीं दी गई है।

लेकिन अधिनियम में संशोधन के बाद इन क्षेत्रों में सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए निर्माण कार्य की इजाजत मिल जाएगी।

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