IANS

मवेशी चारे की मांग बढ़ने से आई जौ, मक्के में तेजी

नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)|जौ और मक्के के दाम में महज एक महीने में 100 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल आया है। कीमतों में आई यह तेजी मवेशी चारे के लिए जौ और मक्के की मांग बढ़ने से आई है। बरसात में हरी घास का अभाव होने से मवेशी चारे यानी कैट्टल फीड के लिए जौ और मक्के की मांग बढ़ गई है।

जौ और मक्के मवेशी चारे में उपयोग आने वाला प्रमुख खाद्यान्न है और पिछले कुछ दिनों से तमाम अनाजों की कीमतों में आई तेजी के साथ जौ और मक्के के दाम में भी काफी इजाफा हुआ है।

बाजार के जानकार बताते हैं कि बारिश के कारण पशुओं के लिए हरी घास या चारे की किल्लत हो गई है। इसलिए डेयरीवालों की मांग एनिमल फीड में ज्यादा दिख रही है। एनिमल फीड की मांग बढ़ने से जौ और मक्के में मिलों की खरीदारी बढ़ गई है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव्स एक्सचेंज यानी एनसीडीईएक्स पर बीते हफ्ते जौ का अगस्त अनुबंध 1,610 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि दो जुलाई को यह अनुबंध 1,4935 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ था। इस तरह करीब एक महीने में कीमतों में 100 रुपये से ज्यादा की तेजी आई।

जयपुर में जौ का हाजिर भाव भी 1,600 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर ही दर्ज किया गया।

एनसीडीईएक्स पर हालांकि मक्का का अगस्त अनुबंध शुक्रवार को थोड़ी गिरावट के साथ 1,281 रुपये प्रतिक्विंटलपर बंद हुआ मगर पिछले तकरीबन एक महीने में 100 रुपये से ज्यादा का उठाव देखा गया क्योंकि दो जुलाई को अगस्त अनुबंध का मक्का वायदा 1,184 रुपये प्रति क्विंटल था। हाजिर में बिहार के गुलाब बाग स्थित अनाज मंडी में मक्के का भाव 1,208 रुपये प्रति क्विंटल था।

रबी मक्का की आवक सीजन में इस साल गुलाब बाग में भाव 1,100 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम था। कारोबारियों ने बताया कि मक्के की औद्योगिक मांग बढ़ गई है इसलिए कीमतों में तेजी देखी जा रही है।

जयपुर के एक कारोबारी ने बताया कि जौ में चारे की मांग के अलावा माल्ट की भी मांग बनी हुई है।

फसल वर्ष 2017-18 की रबी सीजन में जौ का उत्पादन केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 17.9 लाख टन है।

देश में मक्के का उत्पादन रबी और खरीफ दोनों सीजन में होता है। बीते वर्ष 2017-18 में देश में मक्के का कुल उत्पादन 268.8 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है।

वर्ष 2018-19 के खरीफ सीजन के मक्के के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थनम मूल्य 1,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इस लिहाज से मक्के का दाम काफी कम है और किसानों को उचित भाव नहीं मिल रहा है।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा मक्के या जौ की खरीद नहीं की जाती है।

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