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भोपाल में बच्चों खातिर 24 घंटों में 75 नुक्कड़ नाटक

भोपाल, 27 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में नवजात शिशुओं से लेकर पांच साल तक के बच्चों की मौत एक बड़ी समस्या बनी हुई है। बच्चों के कुपोषण के मामले में राज्य का बुरा हाल है। इसके पीछे कई पुरानी कुरीतियों को भी माना जाता है। समाज में जागृति लाने के मकसद से राजधानी में गुरुवार की रात से नुक्कड़ नाटकों का सिलसिला शुरू हुआ है, जो शुक्रवार की रात को 12 बजे तक चलेगा। इस तरह लगातार 24 घंटों में 75 स्थानों पर नुक्कड़ नाटक कर एक कीर्तिमान स्थापित करने की भी कोशिश है। आयोजकों के अनुसार, ‘जिदगी का तमाशा’ शीर्षक से हो रहे नाटक का मंचन गुरुवार की रात को शुरू हुआ। यह आयोजन अंश वेलफेयर सोसाइटी एवं यूथ फॉर चिल्ड्रन द्वारा बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ के सहयोग से किया जा रहा है।

इन नुक्कड़ नाटकों के जरिए टीकाकरण, स्तनपान, संस्थागत प्रसव और बच्चे के स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में समाज में व्याप्त मिथकों को तोड़ने के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है।

इकबाल मैदान में हुए नाटक के मौके पर महिला एवं बाल विकास आयुक्त अशोक कुमार भार्गव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव जे.एन. कंसोटिया, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराधा शंकर, यूनिसेफ के भारत-प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक, युवक कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कुणाल चौधरी और यूनिसेफ के मध्य प्रदेश प्रमुख माइकल जुमा इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत में युवा बैंड समूह रुतवा द्वारा एक गीत ‘तुझे सब पता है न मेरी मां’ गाकर की गई। इसके बाद ‘जिंदगी का तमाशा’ नाटक का 32वां मंचन किया गया, जिसमें स्तनपान, जब से बच्चा गर्भ में आता है व बच्चे के जीवन के शुरुआती 1 दिन के बारे में बताया गया।

इस मौके पर जे.एन. कंसोटिया ने समाज की वैज्ञानिक सोच विकसित करने पर बल देते हुए कहा, ये हमें प्रगति और विकास की ओर ले जाती है। उन्होंने युवाओं से राज्य में उच्चतम शिशु मृत्युदर और मातृ मृत्युदर पर मंथन करने का अनुरोध किया और वंचित व जनजातीय समुदाय में जागरूकता लाने के लिए सभी का यान केंद्रित करने का आह्वान किया।

डॉ. हक ने युवा समूह को स्तनपान जैसे मुद्दों को उठाने के लिए बधाई दी और कहा कि जीवन के पहले 1000 दिनों के दौरान स्तनपान और पोषण काफी महत्वपूर्ण है।

जब आप किसी अच्छे काम के लिए निकलते हैं तो आपको लोग अपनाने तक विरोध करते हैं। जब अच्छे से समझते हैं तो फिर आपके साथ जुड़ना शुरू करते हैं। फिर एक कारवां निकल पड़ता है आपके साथ। फिर आप बदलते हैं इस दुनिया को। फिर एक बेहतर समाज बनाने में आप कामयाब होते हैं।

दानिश टप एंड टाउन से शुरू हुए नुक्कड़ मैराथन ‘जिंदगी का तमाशा’ 9वीं बार भारत टॉकीज पर नाटक करते हुए प्रशासन के सभी पुलिसवाले कलाकारों की मदद करते रहे। काजी कैम्प, नादरा बस स्टैंड से होते हुए सुबह के 4़ 19 में जब 23वां नाटक भोपाल स्टेशन के परिसर में हुआ तो आसपास के सभी 200 के करीब दर्शकों में नरेश, जो विदिशा जिले के रहने वाले हैं, उन्होंने खुश होकर कहा, इतनी सुबह हम पैसा कमाने के लिए घर से निकल आते हैं। लेकिन बिना किसी स्वार्थ के लोगों में जागरूकता फैलाने का काम करना अपने आप में एक बड़ी कमाई है।

जब ‘जिंदगी का तमाशा’ का 32वां प्रदर्शन सुबह 8 बजे सीढ़ी घाट पर किया गया तो नाटक ने मौजूद सभी दर्शकों को अपने से ऐसे जोड़ा कि देर तक तालियां बजती रहीं। सीढ़ी घाट के इस प्रदर्शन के समय डॉ. हक, कंसोटिया, यूनिसेफ प्रमुख (मध्य प्रदेश) डॉ. अनुराधा शंकर सिह, एडीजी पुलिस कुणाल चौधरी व अन्य मौजूद रहे। उन्होंने सभी कलाकारों को नुक्कड़ मैराथन के लिए शुभकामनाएं दीं।

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