उत्तराखंड में डीग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड पर बनेंगी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कें
453 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पीएमजीएसवाई के अंतर्गत किया जाना है
उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कों के लिए डीग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में मुख्य सचिव ने सभी डीएम को यह निर्देश दिए कि भूमि प्रत्यावर्तन के लंबित मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण करें। पीएमजीएसवाई में डीग्रेडेड फाॅरेस्ट भूमि का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए इस काम के लिए सिविल या अन्य भूमि का चयन न किया जाए। इस वन भूमि पर पेड़ों की कमी हो रही है, वहां पर वनीकरण का कार्य किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के कार्य में तेज़ी लाई जाए। बैठक में बताया गया कि 453 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पीएमजीएसवाई के अंतर्गत किया जाना है। इसके लिए 700 हेक्टेयर डीग्रेडेड वन भूमि की जरूरत है।
गढ़वाल मंडल में 31 और कुमाऊं मंडल में 23 सड़कें स्वीकृत हुई हैं। कुल 54 सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव ऑनलाइन अपलोड करने की प्रक्रिया कई चरणों में है। बैठत में मुख्य सचिव को यह बताया गया कि फारेस्ट क्लीयरेंस के लिए कुल 378 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से 324 प्रस्ताव अपलोड कर दिए गए हैं। 147 प्रस्तावों पर सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल गई है। बाकी बचे प्रस्तावों पर कार्रवाई चल रही है।