विदेशों में 80 करोड़ रुपए के प्राकृतिक शहद का निर्यात कर रहा उत्तराखंड
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर व सर्विस सेक्टर पर दिया जा रहा ज़ोर
प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अगले दो महीने में उत्तराखंड सरकार रणनीति बनाने जा रही है। इसके लिए मुख्य सचिव, उत्तराखंड उत्पल कुमार सिंह ने व्यापार और निर्यात संवर्धन के बारे में गुरुवार को बैठक की।
उत्तराखंड के अनुकूल व्यापार और निर्यात संवर्धन रणनीति बनाने के लिए अलग अलग क्षेत्रों के राज्य निर्यातकों से फीड बैक लिया जा रहा है। इसके साथ साथ दूसरे राज्यों में व्यापार के लिए अपनाई जा रही रणनीति का भी अध्ययन किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने बैठक में बताया,” उत्तराखंड से 9,500 करोड़ रुपए का निर्यात विदेशों में हो रहा है। निर्यात को बढ़ाने के लिए कॉमन टेस्टिंग लैब, जॉलीग्रांट और पंतनगर में कार्गो सुविधा, कोल्ड चेन विकसित किया जाएगा। हरिद्वार में 35 एकड़ भूमि पर मल्टी मॉडल पार्क बनाने की कार्रवाई चल रही है।”
उन्होंने आगे बताया कि उत्तराखंड 80 करोड़ रुपए के प्राकृतिक शहद का निर्यात कर रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों के उत्पादों का निर्यात किया जा रहा है। स्वास्थ्य के लिए अनुकूल पर्वतीय क्षेत्र आलू, जड़ी बूटियों, सगंध पौधों, बेमौसमी सब्जियों, ऊन, दालों और अन्य आर्गेनिक उत्पादों की भारी मांग है।
केंद्रीय अतिरिक्त महानिदेशक विदेश निर्यात, वसुंधरा सिन्हा ने बैठक में बताया कि भारत सरकार ने 12 चैंपियन सेक्टर का निर्यात बढ़ाने के लिए 5,000 करोड़ रुपए का कॉरपस बनाया है। उत्तराखंड सरकार इस मद से निर्यात संवर्धन का कार्य कर सकती है।
” निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर व सर्विस सेक्टर पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। पर्यटन को वैलनेस और योग से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा शिक्षा, आईटी, आईटी से जुड़ी सेवाएं, खाद्य प्रसंस्करण के निर्यात की बड़ी संभावना है। अक्टूबर के पहले हफ्ते में आयोजित होने वाले इनवेस्टर समिट के पहले रणनीति तैयार कर निवेशकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।” प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार ने बताया।