जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं सोशल मीडिया कंपनियां : मंत्री
नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने व्हाट्सएप को नोटिस जारी किा है क्योंकि सोशल मीडिया कंपनियां अपने प्लेटफॉर्मो के दुरुपयोग के लिए जवाबदेह हैं।
गुरुवार को राज्यसभा में सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चर्चा में प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई गईं अफवाहों से सबसे ज्यादा हिंसा की वारदातें होने के कारण सरकार ने व्हाट्सएप को नोटिस जारी किया है।
उन्होंने कहा कि इसके जवाब में व्हाट्सएप ने एक संदेश को फॉरवार्ड करने की अधिकतम सीमा सुनिश्चित कर पांच कर दी है।
उन्होंने कहा, सोशल मीडिया का यह कहना कि वह सिर्फ एक प्लेटफॉर्म है, स्वीकार्य नहीं है। ठीक वैसे ही जैसे कोई भड़काऊ समाचार प्रकाशित होने पर कोई समाचार पत्र यह नहीं कह सकता कि यह उसकी जिम्मेदारी नहीं है, उसी तरह सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलने पर अगर लोगों की मौत होती है या इसमें किसी की हत्या के लिए उकसावा होता है तो यह जिम्मेदारी उसकी है।
मंत्री ने कहा कि सरकार जानती है कि सोशल मीडिया को भारत के हितों के खिलाफ और हिंसा भड़काने के लिए एक हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इसकी रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रसाद ने हालांकि कहा कि सिर्फ एक चुनौती पेश करने के कारण सोशल मीडिया को प्रतिबंधित करना बुद्धिमानी नहीं होगी क्योंकि सोशल मीडिया आम आदमी की जानकारी बढ़ाकर और उसकी प्रश्न करने की क्षमता बढ़ाकर उसे सशक्त भी कर रहा है।
उन्होंने कहा, कुछ लोगों को दक्षिणपंथी विचारधारा से परेशानी है और कुछ लोगों को वामपंथी विचारधारा से परेशानी है। आज अगर हमारी विचारधारा को इतनी ज्यादा लोगों की मंजूरी मिलती है तो फालोअर भी ज्यादा होंगे..अब आप उन्हें चाहे जो कहें- योद्धा या कार्यकर्ता।
प्रसाद भारतीतय कम्युनिस्ट पार्टी नेता डी. राजा के उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें वे जानना चाहते थे कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल ही में एक बैठक में अपने सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को योद्धा कहा था।
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन के आरोप कि फेसबुक ने दक्षिणपंथी पोर्टल होने और झूठी खबरें बनाने के कारण पोस्टकार्ड न्यूज का पेज हटा दिया है, प्रसाद ने कहा, फेसबुक ने पोस्टकार्ड पेज हटा दिया है लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है कि वह कोई निश्चित विचारधारा का प्रचार कर रहा था और उसे इसी वजह से हटाया गया है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मॉब लिंचिंग रोकने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, पिछले साल 13 राज्यों में लिंचिंग की 40 घटनाएं हुईं।
उन्होंने कहा, सरकार सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने वाले ज्यादातर अपराधियों को पकड़ने में अब तक नाकाम रही है, फिर भी मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि वह उनके साथ क्या कर रही है जिन्हें उसने पकड़ा है।